बिजी शेड्यूल / मनोज चौहान
एक सहकर्मी व मित्र को ब्लड कैंसर होने की खबर जंगल की आग तरह 50 किलोमीटर के दायरे में फैले कंपनी के सभी कार्यस्थलों तक पहुँच गई थीl अशोक को पता चला तो वह विचलित हो गया थाl उसने पुष्टि हेतु तुरंत ही मिश्रा जी को फ़ोन लगायाl मिश्रा जी ने फ़ोन उठाकर दो मिनट में ही औपचारिकता निभाकर खबर की पुष्टि कर दी और यह कह कर फ़ोन रख दिया कि अभी ऑफिस में व्यस्त हूँ, बहुत ही बिजी शेडयूल है आजकलl आपको शाम को घर जाकर कॉल करता हूँl अशोक मन मसोस कर रह गया थाl
दो साल पहले की ही तो बात थी, जब उन तीनों ने इकठ्ठे ही नौकरी ज्वाइन की थीl कितना आत्मीय भाव और समझ थी तीनो मेंl कंपनी द्वारा प्रायोजित लगभग 3 महीने का वह प्रशिक्षण कार्यक्रम नए तजुर्बों से भरा थाl प्रशिक्षण पूरा होते ही सबकी पोस्टिंग अलग-2 स्थानों पर हो गईl अभी 2 महीने पहले ही तो अनिकेत का कॉल आया था अशोक कोl बहुत खुश था, बोल रहा था मेरी शादी तय हो गई है उसमें ज़रूर आनाl उसकी शादी की तय तिथि से महज 5 दिन पहले इतनी भयावह खबर पाकर अशोक हतप्रभ और बेचैन थाl सोचा था इस दुःख भरी खबर की चर्चा मिश्रा जी से करेगा तो दिल को कुछ तसल्ली होगीl
कई दिन बीत गएl अशोक ने जैसे–तैसे प्रयास कर अनिकेत से फ़ोन पर सम्पर्क साध लियाl वह दुसरे राज्य के एक बड़े अस्पताल में उपचाराधीन थाl 15–20 मिनट की उस बातचीत में अशोक ने अनिकेत को ढाढस बंधाया और शीघ्र ही मिलने को बोल कर फ़ोन रख दियाl उसकी बेचैनी कुछ कम हुई थीl मगर मिश्रा जी के शब्द "आपको शाम को घर जाकर कॉल करता हूँ" बार-2 कर्ण पटल पर दस्तक दे जाते थेl वह अभी तक समय नहीं निकाल पाए थेl उनका 'बिजी शेडयूल' घर और ऑफिस दोनों जगह अनवरत जारी थाl