बिटकॉइन प्रतिबंध का स्वागत / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 26 नवम्बर 2021
आदिवासी बस्तियों में सप्ताह में एक बार हाट-बाजार लगता है। शहद के बदले, तीर-कमान, जड़ी -बूटियों के बदले वस्त्रों के लेनदेन को बार्टर (वस्तु विनिमय) व्यवस्था कहते हैं। आवश्यकताओं की पूर्ति आपसी लेनदेन से होती रही। तब सोने-चांदी, तांबे आदि का सिक्का किसी ने देखा ही नहीं था। बादशाह मुहम्मद तुगलक ने अपने दौर में चमड़े की मुद्रा चलाने का विचार किया। उसने तय किया कि चमड़े पर बादशाह की मुहर लगते ही वह मुद्रा में बदल जाएगी। प्राय: नए विचार स्वीकार नहीं किए जाते। ऐसे विचार शक की निगाह से देखे जाते हैं।
लैटिन भाषा में क्रिप्टो का अर्थ है, छुपा हुआ धन। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल आकल्पन है। इसमें असल माल का लेन-देन नहीं होता। क्रिप्टो के मोल तेजी से घटते-बढ़ते हैं। इस क्षण का रुपया अगले ही क्षण एक पैसा बन जाता है। इसमें शेयर मार्केट की तरह उतार-चढ़ाव आते हैं। बहरहाल, सोने को खरा माल माना गया है। सोने की तलाश पर कई रोचक फिल्में बनी हैं। इसी कड़ी में अमेरिकन वेस्टर्न बहुसितारा फिल्म ‘मैकानोस गोल्ड’ अत्यंत सराही गई थी। सोने के प्रति मनुष्य के लालच पर चार्ली चैपलिन ने ‘गोल्ड रश’ नामक फिल्म बनाई थी । इसमें नायक, गोल्ड की तलाश में मारा-मारा फिरता है। सोने की चाह और खोज में वह इतना भटकता है कि उसका भोजन तक समाप्त हो जाता है। वह अपने जूते के चमड़े के तले को उबालता है ताकि अपनी भूख को शांत करने का कुछ इंतजाम कर सके। चार्ली की इस फिल्म का संदेश स्पष्ट था कि अनार्जित धन की चाह में धन चाहने वाले शख्स को जूता भी खाना पड़ सकता है।
धन संग्रह से जुड़ी हुई बात है कंजूसी की। रवींद्रनाथ टैगोर की एक कथा में एक अमीर व्यक्ति बहुत ही कंजूस है और इस कारण से वह क्षेत्र में बुरी तरह बदनाम हो जाता है । उसका इकलौता पुत्र अपने पिता की कंजूसी और बदनामी के कारण उसे छोड़कर अन्य शहर में एक नए सरनेम के साथ जीवन शुरू करता है और कालांतर में उसके यहां एक बेटा भी होता है। इधर उसका कंजूस पिता धन संग्रह करता रहता है, क्योंकि उसे इसी में खुशी मिलती है। समय बीतने पर कंजूस को कहीं से ज्ञान होता है कि एकत्रित धन रखने के तहखाने में किसी बालक को बंद कर दें तो बाद में वह बालक नाग बनकर धन की रक्षा करता है और वंश के सदाचारी व्यक्ति को वह धन मिलता है।
कंजूस को नदी के तट पर एक मासूम बालक मिलता है, जो उसे बताता है कि वह अपने पिता के साथ आने वाला था परंतु आवश्यक कार्य से पिता को कलकत्ता रुकना पड़ा इसलिए वह अकेला ही आया है। उसके पिता दो-तीन दिन बाद यहां आएंगे। कंजूस व्यक्ति, उस अनजान बालक को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाता है। उसे तहखाने में चीखता हुआ छोड़ देता है। तीन दिन बाद कंजूस का पुत्र लौटा है और अपने पिता को बताता है कि उसने अपने पुत्र को गांव भेजा था, ताकि वो अपने दादा से मिल सके। कंजूस समझ लेता है कि उसने अपने ही पोते को तहखाने में बंद कर दिया था। वह पागल हो जाता है। बहरहाल बिटकॉइन, ब्लॉकचेन अत्यंत लोकप्रिय है। भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंधित करने का प्रशंसनीय निर्णय लिया है। गोया की अमेरिका ने अपना सोना फोर्ट नॉक्स नामक स्थान पर सुरक्षित रखा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुद्रा का मूल्य देश में जमा गोल्ड पर निर्भर करता है।
आज आदिवासी जीवन की सादगी का समन्वय आधुनिकता से किया जा सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि वैश्विक आर्थिक मंदी की पदचाप सुनी जा सकती है। कुछ ही दिनों में वह हर द्वार पर दस्तक देगी। उस समय आभासी मुद्रा क्रिप्टो करेंसी का महत्व बढ़ सकता है। सोना ही हमेशा मानदंड बना रहेगा। लेकिन मनुष्य का लोभ-लालच इसी धरती मां को लूट रहा है, जिसने बहुत कुछ दिया है।