बिल्ली और बन्दर-2 / शोभना 'श्याम'

Gadya Kosh से
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दो बंदरों को एक रोटी मिली। दोनों ने मिलकर तय किया कि वे दोनों दौड़ की स्पर्धा करेंगे। जो जीतेगा, रोटी उसी को मिलेगी। जैसे ही उनकी दौड़ खत्म हुई, एक बिल्ली सियार को लेकर वहाँ पहुँच गयी।

सियार ने विजयी बन्दर के हाथ से रोटी छीनी और बोला-" रुको, तुम्हें पता है, तुम्हारे पूर्वज बन्दर ने इस बिल्ली की पूर्वज बिल्लियों की रोटी हड़प ली थी अतः आज यह रोटी और अब से हरेक रोटी इसी को मिलेगी।

"तो हम क्या खाएँगे?"-दोनों समवेत स्वर में चिल्लाये।

"तुम दोनों तो एक पेड़ से दूसरे पर आराम से कूद-फाँद लेते हो, आराम से बस्ती से दूर-दराज़ के बगीचों में पहुँच सकते हो, सो तुम फलों से काम चलाओ। नहीं तो, तुम्हारे लिए चने भी हैं, बीनो और खाओ।"