बुलावे का शुक्रिया / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल
Gadya Kosh से
दयालु भेड़िए ने भोली-भाली भेड़ से कहा, "कभी हमारे घर पधारकर हमें इज्ज़त बख्शोगी?"
"आपके घर आकर हमें बड़ी खुशी मिलती, " भेड़ ने नम्रतापूर्वक कहा, "बशर्ते, वह आपके पेट में न होता।"