बेकार / आलोक कुमार सातपुते
Gadya Kosh से
“यार मेरा एक मित्र बड़ा ही प्रतिभावान है, पर बेचारा आज तक बेरोज़गार है। उसकी आर्थिक स्थिति भी बहुत ख़राब है। उसे कहीं नौकरी लगवा दो।” एक मित्र ने दूसरे स्थापित मित्र से अपने किसी अन्य मित्र की सिफ़ारिश करते हुए कहा।
‘अच्छा उसकी उम्र लगभग कितनी होगी ?’ स्थापित मित्र ने प्रश्न किया।
“लगभग तीस-इकतीस वर्ष का तो हो ही चुका होगा वह।” उसने उत्तर दिया।
‘जो व्यक्ति तीस-इकतीस वर्ष का हो चुका हो, और अब तक बेरोज़गार हो वह क्या खाक़ प्रतिभाशाली है ? और यदि वह कभी प्रतिभाशाली रहा भी होगा, तो भी अब तक तो उसकी प्रतिभा में जंग लग चुका होगा। ऐसे में मंै उसकी कोई मदद नहीं कर सकता। ’ स्थापित मित्र ने सपाट सा उत्तर दिया।