बेटा / रश्मि

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

'मेरा बेटा बड़ा होकर क्या बनेगा?' उसने बेटे को दुलारते हुए पूछा।

'मैं तो बड़े होकर डॉक्टर बनूँगा और बड़ा-सा घर बनाऊंगा।' बच्चे ने मासूमियत से दोनों हाथों को दूर तक फैलाते हुए कहा।

बच्चे की तोतली ज़ुबान सुनकर माँ का प्यार उमड़ आया। 'फिर तो मै अपने डॉक्टर बेटे के लिए चाँद-सी दुल्हन लाऊँगी, अच्छा बता तू बड़ा डॉक्टर बनकर भी मुझे ऐसे ही प्यार कारेगा न?'

'हाँ माँ! ये भी कोई पूछने की बात है? आप तो दादी से मिलने कभी नहीं जातीं; पर मैं तो आपसे मिलने रोज़ आया करूंगा उन बुढ्हे लोगों वाले होम में।'