बॉक्स ऑफिस संसार में नयनतारा / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि :20 दिसंबर 2017
चेन्नई की शंकर आईएएस अकादमी में दाखिल होने के लिए युवा कन्याओं के आवदेन-पत्रों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गई है कि इस काम के लिए नई नियुक्तियां करनी पड़ रही हैं। इस कोचिंग इंस्टिट्यूट की याद इससे आई कि दक्षिण की स्टार नयनतारा ने अपनी नई फिल्म में आईएएस अफसर की भूमिका निभाई है। चेन्नई के जीएस शेखर ने उन पर आउटलुक पत्रिका में लेख लिखा है। भयावह प्रचार और तर्कहीनता के उत्सव मनाने के दौर में इस पत्रिका ने अपने आदर्श नहीं खोए हैं। बहरहाल, नयनतारा की यह 75वीं फिल्म है और उनकी अभिनीत कामयाब फिल्मों का प्रतिशत एक कम सौ रहा है। मुंबई के फिल्मकार प्रयास करते रहे हैं कि नयनतारा उनकी फिल्म करें परंतु करीना कपूर और कंगना रनौट को अनुबंधित करने से कहीं ज्यादा कठिन है नयनतारा की स्वीकृति मिलना।
सलमान खान और करीना कपूर अभिनीत 'बॉडीगार्ड' फिल्म लेखक निर्देशक सिद्धिकी की नयनतारा अभिनीत फिल्म का हिन्दुस्तानी भाषा में बना संस्करण थी। करीना कपूर की सितारा हैसियत के कारण उन्हें लिया गया और उन्होंने प्रभावोत्पादक अभिनय भी किया परंतु नयनतारा की बात ही अलग है। अपनी ताजा फिल्म में उन्होंने केवल एक साड़ी पहनी है। वह कभी डिज़ानर द्वारा गढ़ी गई सितारा छवि नहीं बनीं। वे मेकअप या पोशाक पर निर्भर कलाकार नहीं रहीं। उन्होंने सादी सूती साड़ी के साथ ही एक फिल्म में बिकनी भी पहनी थी। वे उजागर होकर भी अपने को छिपाए रखना जानती हैं।
उनकी ताजा फिल्म में बोरिंग के लिए खोदे गए गड्ढे में एक नन्ही बालिका फंस जाती है और शहर की कलेक्टर अपनी सूझबूझ से उस नन्ही को बचा लेती है। हमारी विकास अवधारणा में गड्ढे करना जरूरी है, उन्हें पाटने का काम अगली पीढ़ी को सौंपा गया है। वह भी जवाबदारी आगे खिसका देगी। हमारे यहां समस्याओं का निराकरण स्थगित किया जाता रहता है अौर इसी प्रक्रिया में उसका निदान भी हो जाता है। समय हमेशा से हमारा काबिल डॉक्टर रहा है।
दक्षिण भारत में फिल्म और राजनीति का संबंध हमेशा रहा है और अनेक सितारे मुख्यमंत्री भी बने हैं। जयललिता ने सत्ता में आते ही सिनेमाघर की लाइसेन्स प्रक्रिया को आसान कर दिया था। वे तो यह भी चाहती थीं कि एक-दूसरे पर निर्भर सरकारी विभाग एक इमारत में कार्यरत हों और खाली इमारत को सिनेमाघर में तब्दील किया जाए। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने पुराने बंद हुए सिनेमाघरों को पुन: सक्रिय करने के लिए रियायतों की घोषणा की है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी प्रयास जारी हैं। सिनेमाघरों को सुविधाएं देने से सरकार को यह लाभ है कि अवाम मस्त रहता है और रोटी, कपड़ा और मकान की समस्याओं से उसका ध्यान बंट जाता है।
बहरहाल, नयनतारा ने अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को कभी अपने काम पर हावी नहीं होने दिया। वे इतनी अनुशासित हैं कि सुबह दस बजे तय की गई शूटिंग में एक घंटा पूर्व ही मेकअप करके स्टूडियो आ जाती हैं। उनकी तैयारी इतनी रहती हैं कि प्राय: पहले प्रयास में ही शॉट ओके हो जाता है। एक सह सितारे से व्यक्तिगत संबंध समाप्त हो जाने के बाद भी उन्होंने उसके साथ फिल्म अभिनीत की परंतु उन्हें घटिया मानसिकता सख्त नापसंद है और उनके आसपास चाटुकार भी नहीं होते। वे लीक से हटकर लिखी फिल्मों को प्राथमिकता देती हैं। वे कलाकार की हैसियत से ऊपर उठकर आंदोलन बन गई हैं। व्यवस्था की स़ड़ांध को उजागर करने वाली फिल्में करना उन्हें पसंद रहा है। अपने कॅरिअर की दूसरी फिल्म 'चंद्रमुखी' में उन्होंने गूंगी-बहरी कन्या की भूमिका अभिनीत की थी।
नयनतारा की छवि एक आधुनिका की है परंतु सीता की भूमिका भी उन्होंने सफलता से निभाई है। सीता की भूमिका दुर्गा खोटे ने न्यू थिएटर्स की शिशिर भादुड़ी द्वारा लिखी फिल्म में अभिनीत की थी और दुर्गा खोटे, शोभना समर्थ से लेकर नयनतारा तक अनेक अभिनेत्रियों ने इस भूमिका का निर्वाह किया है। गौरतलब है कि सीताफल नामक फल में गुदा थोड़ा होता है और बीज बड़े होते हैं। छिलका भी खुरदुरा होता है। क्या सीता माता अपने पति राम के साथ बहुत कम समय रह पाईं, इसी कारण कम गुदा वाले इस फल को सीताफल कहते हैं।
बहरहाल, गुजरात चुनाव के नतीजे आने के बाद विचारक हेमचंद पहारे को अपने बचपन की घटना याद आई। उनकी स्कूल के पास ही एक व्यक्ति रेवड़ी बेचता था। उसका ध्यान हमेशा कम तोलने में लगा रहता था और इसी प्रक्रया में गल्ले में रखी एक चवन्नी रेवड़ी के साथ चली गई। वह कम तोलकर प्रसन्न था और बालक अपनी रेवड़ी में चवन्नी पाकर खुश था।