ब्राजील की सुंदरी हरलीन कौर / जयप्रकाश चौकसे
ब्राजील की सुंदरी हरलीन कौर
प्रकाशन तिथि : 17 सितम्बर 2009
इम्तियाज अली की फिल्म ‘लव आज कल’ में पंजाबी कुडी की भूमिका ब्राजील की मॉडल गिजेल मोंटेरियो ने अभिनीत की है। गिजेल भारत के फिल्म उद्योग में सितारा बनना चाहती हैं। कैटरीना कैफ की सफलता के बाद लंदन से भी कुछ लडकियां इसी उददेश्य से भारत आई हैं। कैटरीना की तरह परिश्रम करना सबके बस की बात नहीं है। बहरहाल मोंटेरियो का कहना है कि अजब-गजब भारत में एक ही दिन में आदमी सितारा बन जाता है मीडिया इस कदर उतावला और अधीर है कि सनसनी की खोज में कुछ भी कर सकता है। एक छोटी सी भूमिका के कारण गिजेल भारत में ब्राजील से अधिक लोकप्रिय हैं, जहां उन्होंने सफल मॉडलिंग की है। इम्तियाज अली की फिल्म में प्रस्तुत हरलीन कौर और मोंटेरिया में कोई समानता नहीं है। यह प्रस्तुतीकरण का कमाल है।
ज्ञातव्य है कि एक लातिन अमेरिकी देश की बारबरा मोरी राकेश रोशन की रितिक अभिनीत ‘काईटस’ की हीरोईन हैं। दुनियाभर के जानकार लोगों का कहना है कि ब्राजील से ज्यादा सुंदरियां किसी और देश में नहीं हैं। गिजेल मोंटेरियो का कहना है कि वह भारतीय सितारों की तरह कसरत नहीं करती और खाने-पीने में भी परहेज नही करतीं। उनके शरीर की सुडौलता कुदरती है। ब्राजील में प्राय: कसरत या किफायत नहीं की जाती, परंतु समुंद्र में तैरना उनके लिए रोजमर्रा का काम है। सौंदर्य किसी देश की बपौती (मोनोपोली) नहीं है। दरअसल सौंदर्य की परिभाषा हर देश में अलग है, मसलन मोटे होंठ और काला रंग दक्षिण अफ्रीका में सौंदर्य है। चीन में चपटी नाक पर किसी को ऐतराज नहीं है।
सच तो यह है कि सौंदर्य देखने वाले की निगाह में होता है। लैला को जानने वालों का ख्याल था कि वह निहायत ही साधारण स्त्री थी, परंतु मजनू को कौन समझाता। कोई अदा किसी के मन को भा जाती है और इश्क उसे सुंदर बना देता है। शायर जिगर मुरादाबादी असुंदर थे, परंतु मुशायरे में गजल पढते हुए वे अत्यंत खूबसूरत लगने लगते थे। गोया कि उनकी शायरी ही उनका हुस्न भी थी और इश्क भी। अजंता, एलोरा और खजूराहो में प्रस्तुत मांसल औरतों को आज के जीरो फिगर के दौर में शायद ज्यादा तंदरूस्त या मोटी माना जा सकता है।
हम गिजेल मोंटेरियो की इस बात में यकीन कर सकते हैं कि समुद्र में नियमित तैरना उनके सौंदर्य और नमकीन लगने का राज है। पहाडों की बेटियां भी सुंदर होती हैं और बस्तर के घने जंगलों में भी फूल सी लडकियां खिलती हैं। कई बार भीतर के सौंदर्य से वासना का जन्म हो सकता है, परंतु इश्क यकीनन सौंदर्य को जन्मता है।