भगवती प्रसाद वाजपेयी / परिचय
भगवती प्रसाद वाजपेयी कानपुर के मंगलपुर ग्राम में 11 अक्टूबर, 1899 को जन्मे भगवतीप्रसाद वाजपेयी ने नियमित पढ़ाई मिडिल तक ही की। कई-कई नौकरियां कीं और लेखन जारी रहा। क्रमशः वह संपादक हो गए।
हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति तो आप रहे ही, फिल्मों के लेखन के लिए भी भाग्य आजमाया।
'प्रेमपथ', 'मीठी चुटकी', 'अनाथ पत्नी', 'त्यागमयी', 'दो बहनें', 'मनुष्य और देवता' आदि इनके प्रमुख उपन्यास हैं। कुल 33 उपन्यास श्री वाजपेयी ने लिखे।
कहानी संग्रहों में प्रमुख हैं- 'मधुपर्क', 'हिलोर','खाली बोतल', 'उपहार', 'दीपमालिका' और 'बाती और लौ'। इनके नाटक 'राय पिथौरा' और 'छलना' भी चर्चित रहे।
एक कविता-संग्रह 'ओस की बूंद' भी है।
बालोपयोगी साहित्य भी भगवतीप्रसाद वाजपेयी जी ने खूब लिखा।
'उर्मि' और 'आरती' जैसी पत्रिकाओं का संपादन भी श्री वाजपेयी ने किया। 1922-23 में आप 'माधुरी' के संपादन विभाग में थे।
08 मई, 1973 को आपका निधन दतिया में होगया।