भविष्यवाणी / हेमन्त शेष
Gadya Kosh से
अजमेर जिले के सबसे बड़े दूसरे शहर ब्यावर को जिला बनाने की मांग इधर ज़ोरों पर है. मुझे लगता है स्वतंत्र जिला बनते ही ब्यावर का सेंकडों सालों पुराना, शक्कर और तिलों को मिला कर कागज जितनी महीन तिलपट्टी बनाने का उद्योग भी फ़ौरन खत्म हो जायेगा.
(क्यों कि सारे हलवाई और दुकानदार, जो अभी इस काम में लगे हैं, सोचेंगे- चूंकि नए जिले में सरकारी दफ्तरों में सारे खाली जल्दी पद भरे जाएंगे, इसलिए उनके लिए भी कोई न कोई सरकारी नौकरी तो ज़रूर ही निकल आयेगी!)