भूल / गोवर्धन यादव

Gadya Kosh से
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"पुष्पा ये क्या पागलपन मचा रखा है? इतनी छोटी-सी बात पर, क्या कोई घर छॊड कर जाता है," "आप इसको छोटी-सी बात कह रहीं है? मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि इतनी बडी घटना मेरे साथ घट सकती है," पुष्पा, जो कुछ भी हुआ है, इसका मुझे खेद है, चल यार, मैं तेरे जीजाजी की ओर से माफ़ी मांगे लेती हूँ, उनसे जो भी भूल हुई है, वह अनजाने में हुई है, उस समय वे नशे में थे, उन्हें यह ध्यान नहीं रहा और वे तेरे कमरे में चले आए, "" आप इतनी बडी बात को केवल भूल कहकर टालने की कोशिश न करें, उस कमरे में मेरे अलावा अम्माजी भी तो सो रही थीं, उन्हीं के बिस्तर के पास मोना बिटिया भी तो सो रही थी वे उनके बिस्तर में न घुस कर, मेरे ही बिस्तर में क्यों घुसे? और लगे मेरे साथ बदतमीजी करने? नहीं, मैं अब यहाँ एक पल भी रहना नहीं चाहती, मैं अभी और इसी समय ये घर छॊड कर जा रही हूँ, कृष्णा ने सुबकते हुए अपना सूटकेस पैक किया, और सीढीयाँ उतरने लगी थी।