मंत्री जी और बारे लाल / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
मंत्रीजी मैं बोल रहा हूँ बारे लाल दलबदलपुर से।'
‘हां-हां बारे लाल जी कैसे हैं, क्या हाल है?'
‘हाल तो बेहाल है मंत्रीजी। यहां शापिंग काम्पलेक्स में आग लग गई है, दमकल आफिसर को तीन बार फोन कर चुका हूँ। फायर ब्रिगेड अभी तक नहीं पहुंचा है।'
‘देखो बारे मुझे सूचना मिल गई है शहर में आग लग गई है। दमकल अधिकारियों से मैने बात की है फाइल का मामला है। फाइल आगे बढ़ी है पर ससुरी अटक गई है। '
‘पर यहां तो दुकानें जल रही हैं।'
‘भैये मैने पूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली है। यह जो दमकल अधिकारी है न, उसने फायर ब्रिगेड भेजने का आदेश हरी स्याही से मतलब ग्रीन इंक से टीप दिया है। इस अधिकारी के बाप यानि बड़े अधिकारी ने उससे जवाब मांगा है कि टीप हरी स्याही से क्यों लिखी जबकि इंडियन काँस्टीट्यूशन में साफ लिखा है कि आग बुझाने का आदेश सुर्ख लाल स्याही में लिखे जाना चाहिये।'
‘परन्तु इससे हमें क्या लेना देना है। आग फैलती जा रही है भ्रष्टाचार की तरह, दूसरी दुकानें भी चपेट में आ गई हैं।'
‘बारे लाल आखिर यह कार्यालीन क्रिया है समय तो लगेगा ही। वैसे मैने दमकल अधिकारी को फौरन फायर ब्रिगेड भेजने को कहा है किन्तु बड़ा अधिकारी मान ही नहीं रहा है। उसका कथन है कि हरी स्याही शस्य श्यामला यानि हरे भरे होने का प्रतीक है जबकि आग लाल होती है।'
‘मंत्रीजी आग तीसरी दुकान की तरफ फैल रही है। दमकल भेजने की व्यवस्था करें और लापरवाह अधिकारी पर कार्यवाही करें।'
‘हमने दमकल अधिकारी सस्पेंड कर दिया है। बड़ा अधिकारी जवाब का इंतजार कर रहा है फाइल उसकी टेबल पर पड़ी है।'
‘मंत्रीजी तीन दुकानें स्वाहा हो चुकी हैं जल्दी करें। आग तेजी से बढ़ रही है।'
‘हमने बड़े अधिकारी को भी सस्पेंड कर दिया है और हरी स्याही वाली टीप पर एक जांच आयोग बिठा दिया है। एक रिटायर्ड जज की एक सदस्यीय टीम उसकी जांच करेगी।'
‘मंत्रीजी चार दुकानें खाक हो गई हैं आग तेजी से बढ़ रही है शीघ्रता करें।'
‘बारे लाल धीरज से काम लो। हमने उस बाबू तक को संसपेंड कर दिया है जिसने टीप लिखने के लिये हरी स्याही का पेन दमकल अधिकारी को दिया था।'
‘मंत्रीजी पांच दुकानें जल चुकी हैं आग पूरी बाजार में फैल चुकी है। बहुत जल्दी करें।'
‘देखिए हमने उस चपरासी तक को सस्पेंड कर दिया है जो बाजार से हरी स्याही का पेन लाया था। वह पेन बिना परमीशन के मंहगे दामों पर खरीदा गया था। पेन की यथार्थ कीमत पांच रुपये है। जबकि वह पचास रुपये का बिल बनाकर पैंतालीस रुपये डकार गया है।'
‘मंत्रीजी चपरासी गया भाड़ में आग बढ़ती जा रही है। पूरा बाजार आग की चपेट में है।'
‘बारे लाल बिल्कुल आश्वस्त रहो। हम हैं न। जैसे आयोग अपना फैसला देगा हम आदेश प्रसारित कर देंगे।'
‘मंत्रीजी आयोग अभी क्या कर रहा है फैसला आने में कितना समय लगेगा?'
‘देखिये आयोग अभी सम्बन्धित दस्तावेज फाइल में लग रहा है, फाइल में छेद कर रहा है। कागज में छेद कर रहा है। एक लेस से कागज फाइल में बांध रहा है।'
‘मंत्रीजी अब तो फाइल तैयार हो गई होगी अब आयोग क्या कर रहा है, शहर जल रहा है लोग चिल्ला रहे हैं। '
‘अब आयोग फाइल लेकर फोटो कापी कराने गया है। तुम्हे मालूम है कि सरकारी काम और फोटो कापी का तो चोली दामन का साथ है।'
‘अब तो आधा शहर जल चुका है। अब वह आयोग का बच्चा क्या कर रहा है?'
‘देखो बारे लाल अनपार्लियामेंट्री लेंग्वेज का यूज मत करो। वह फोटो कापी कराकर अभी तक वापस नहीं आया है। विलंब से बचने के लिए त्वरित कार्यवाही करते हुए मैने एक आयोग और बिठा दिया है। वह आयोग पहले वाले आयोग के पीछे गया है और मालूम कर रहा है कि फोटो कापी करने में इतना अदिक समय क्यों लग रहा है?'
‘मंत्रीजी आग टेलिफोन बूथ के पास आ गयी है जहां से मैं बोल रहा हूं। अब दूसरा आयोग क्या कर रहा है ? '
‘दूसरा आयोग पहले आयोग का स्टिंग आपरेशन कर रहा है और उसकी फाइल बना रहा है।'
‘मंत्रीजी हमारे टेलीफोन बूथ में आग लग चुकी है मैं मर रहा हूँ।'
‘वारे भाई मरना है तो ठीक से मरना। नियम कायदों के दायरों में ही मरना और सबूत छोड़ जाना कि मरने वाले तुम्ही हो। हमारा देश कानून और नियम कायदों का पक्का है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और लोकतंत्र की रक्षा के लिए कानून का पालन अनिवार्य है इसलिए यदि नियम से मरोगे तो लाख दो लाख का मुआवजा मिल जायेगा।'
‘अबे मंत्री के बच्चे जब मैं मर जाऊंगा तो मुआवजा किसे दिलायेगा।'
‘तुम्हारे बच्चे हैं न बीबी भी है, पिछली बार जब मैं तम्हारे गांव आया था तब मिली थी मुझसे। तुमने घर बुलाया था। मुझे खाना खाने के लिये। अहा कितना अच्छा खाना बनाती है सुन्दर भी है।'
‘अरे वह तो सब मर गये आग में जल गये।'
‘तुम्हारे नाती पोते हैं उन्हें तीन लाख दिला देंगे।'
‘हाय मैं मर रहा हूं, कुछ तो ख्याल करो दमकल भेजो।'
‘मेरी इच्छा है कि अभी तुम जिन्दा रहो, चुनाव तक जिन्दा रहते तो हमें तुम्हारी मदद मिल जाती।'
‘मंत्रीजी मैं मरा हाय मैं मरा। दमकल...।'
‘हैलो-हैलो मैं मंत्री बोल रहा हूं। वह कमबख्त दमकल अधिकारी तभी बहाल होगा जब तुम्हे मुआवजा मिल जायेगा। अरे हां अब टीप लाल स्याही में लिखकर आ गयी है। दमकल भेज रहा हूं। अभी मरना मत आग बुझेगी अवश्य बुझेगी। मेरे क्षेत्र में आग न बुझे कैसे हो सकता है।’और दमकल दौड़ रही है आग के शहर की ओर पांच साल बाद। पूरा शहर कबका जलकर खाक हो चुका है।
दूसरे दिन के अखबार अग्निकांड से भरे पड़े हैं।
‘मंत्रीजी के गांव को उनके विरोधियों ने जलाकर राख कर डाला। अभी तक तीन अपराधियों को पकड़ लिया है बाकी की सरगर्मियों से तलाश की जा रही है।'