मंत्री / पद्मजा शर्मा
Gadya Kosh से
उदयप्रकाश जी का घर मोहल्ले के कुछ भीतर की ओर है। उनके घर के सामने आज अचानक देखा कई फूलों वाले बैठे मालाएं, बुके बना रहे थे। आश्चर्य हुआ। एकाएक यह क्या हुआ? एक फूल वाले से ही पूछा-'भाई, यह माजरा क्या है? एकाएक आप लोग इतनी संख्या में यहाँ कैसे?'
वह किसी बड़े राज का उद्घाटन करता हुआ-सा उत्साह के साथ बोला-'बीबी जी, आपने सुना नहीं कि उदयप्रकाशजी मंत्री बन रहे हैं।'