मनोरंजन जगत में 'ब्रह्मास्त्र' एवं बूमरेंग / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 06 दिसम्बर 2018
ऋषि कपूर कैंसर से युद्ध कर रहे हैं और अमेरिका के एक नामी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। उनके सुपुत्र रणवीर कपूर एक माह तक पिता की तीमारदारी करते रहे और अपने पिता के कहने पर भारत लौटे हैं। उनके बाल सखा अयान मुखर्जी की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' की शूटिंग के अंतिम दौर को पूरा कर रहे हैं तथा साथ ही आदित्य चोपड़ा की 'शमशेरा' की शूटिंग भी कर रहे हैं। यह फिल्म उनके कॅरिअर की निर्णायक फिल्म हो सकती है, क्योंकि विगत कुछ समय में उनकी अभिनीत-प्रदर्शित फिल्में असफल रही हैं। उनके प्रतिद्वंद्वी रणवीर सिंह सफल हो रहे हैं और कभी रणवीर कपूर की मित्र रहीं दीपिका पादुकोण से विवाह भी कर चुके हैं।
फॉर्मूला मसाला सिनेमा के आदि गुरु शशधर मुखर्जी के वंश के अयान मुखर्जी रणवीर कपूर के साथ दो सफल फिल्में बना चुके हैं- 'वेक अप सिड' एवं 'ये जवानी है दीवानी'। अयान मुखर्जी और रणवीर कपूर अपना अधिकतम समय एक-दूसरे के साथ गुजारते हैं और जुड़वा भाइयों की तरह एक की पिटाई होती है तो दूसरे को दर्द होता है। यह फिल्म रणवीर कपूर के लिए भी उस आखिरी शस्त्र की तरह है, जिसके बाद वे निहत्थे हो जाएंगे। रणवीर कपूर प्रतिभाशाली हैं परंतु फिल्मों के चयन में उनसे अनचाहे ही चूक हो गई है। इस फिल्म में उनकी नायिका आलिया भट्ट है, जो उनकी अंतरंग मित्र हैं। यह 'दोस्ती' इतनी गहरी है कि आलिया भट्ट भी अमेरिका जाकर ऋषि कपूर की तीमारदारी कर चुकी हैं। सुभाष कपूर की फिल्म 'जॉली एलएलबी भाग दो' में जज की भूमिका अभिनीत करने वाले सौरभ शुक्ला का एक संवाद है कि फिल्म उद्योग के लिए महेश भट्ट ने दो ही अच्छे काम किए हैं- 'सारांश' बनाई और आलिया भट्ट को जन्म दिया।
महाभारत में भीम और हिडिम्बा के पुत्र घटोत्कच ने घमासान युद्ध किया और जब कुंती-पुत्र कर्ण को लगा कि यह तो पूरी कौरव सेना को रौंद देगा तब उन्होंने इंद्र द्वारा प्रदत्त ब्रह्मास्त्र का उपयोग घटोत्कच को मारने के लिए किया था। अयान मुखर्जी ने अपनी फिल्म का नाम 'ब्रह्मास्त्र' रखा है परंतु उनकी फिल्म कोई पौराणिक आख्यान नहीं है वरन यह वर्तमान समय की एक मनोरंजक कथा है। हमारी विचार प्रक्रिया में वेदव्यास रचित महाभारत कुंडली मारकर बैठी है। विज्ञान प्रेरित एवं तर्कसम्मत विचार शैली हमारे दिमाग के लौह कपाट पर चाहे लाख दस्तक दे, हम उसे नहीं खोलेंगे। सोए हुए को जगाना आसान हैं,जागे हुए को जगाए कौन?
अयान मुखर्जी ही यह बता सकते हैं कि उनके बाल सखा रणवीर कपूर का दीपिका पादुकोण के साथ प्रेम परवान क्यों नहीं चढ़ पाया और कैटरीना कैफ के साथ एक फ्लैट में महीनों साथ रहने के बाद भी वे मंजिल तक क्यों नहीं पहुंचे। यह संभव है कि रणवीर कपूर जानते हों कि आनंद निरंतर चलते रहना है और मंजिल पर नहीं पहुंच पाना कोई विफलता नहीं है। उनका चलना उनके दादा राज कपूर के 'श्री 420' के शैलेन्द्र रचित गीत की पंक्ति याद दिला देता है 'चलना जीवन की कहानी,. रुकना मौत की निशानी..' निकटतम मित्र एक जीवंत डायरी की तरह होता है, जिसमें दर्ज इबारत मिटाए नहीं मिटती। वह व्यक्ति सचमुच बहुत गरीब होता है, जिसका कोई अंतरंग मित्र नहीं हो। मित्र हमसफर होता है, हमसाया होता है और कभी-कभी हमज़ाद साबित होता है। मनुष्य के जन्म के साथ ही हमज़ाद का भी जन्म होता है, जो अंततोगत्वा उसके परास्त होने की वजह बनता है। शेक्सपीयर साहित्य के एक प्रसंग में त्रासदी का कारण मनुष्य की विचार-शैली में बैठा एक कुटिल विचार बताया गया है। मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसके भीतर ही गहरे पैठा होता है।
दोस्ती के रिश्ते पर एक महान फिल्म 'बेकेट' बनी है, जिसमें रिचर्ड बर्टन और पीटर ओ'टूल ने अभिनय किया था और इसी फिल्म का चरबा ऋषिकेश मुखर्जी ने राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन अभिनीत 'नमक हराम' नामक फिल्म में प्रस्तुत किया था। इसी बेकेट अवधारणा का अत्यंत फूहड़ स्वरूप 'कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?' एसएस राजामौली की तर्कहीनता का उत्सव मनाने वाली फिल्म 'बाहुबली' ने भारतीय मनोरंजन जगत को बहुत नुकसान पहुंचाया है। अब सभी फिल्मकार 'बाहुबली' द्वारा अर्जित आय के आंकड़े को छूना चाहते हैं। यहां तक कि 'थलाइवा' रजनीकांत और शंकर भी इसी फेर में हैं और उनका प्रयास '2.0' सफल होते हुए भी 'बाहुबली' द्वारा प्राप्त आय से पीछे रह गया है। 'ब्रह्मास्त्र' की तरह ही एक शस्त्र के 'बूमरेंग' होने की बात भी कही जाती है, जिसका अर्थ है कि चलाया गया शस्त्र वापस आकर चलाने वाले को ही नष्ट कर देता है। राजनीति में धर्म का चलाया गया शस्त्र किसी दिन बूमरेंग हो सकता है, क्योंकि हर स्तर पर व्यवस्था ठप हो गई और पुलिस इंस्पेक्टर को भी भीड़ कत्ल कर देती है तो कोई अपराध ही नहीं माना जा रहा है। हमने अपनी डेमोक्रेसी को 'मोबोक्रेसी' बना दिया है।