मन्दिर की सीढ़ियों पर / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल
Gadya Kosh से
कल, मन्दिर की संगमरमरी सीढ़ियों पर, मैंने एक औरत को देखा। वह दो मर्दों के बीच बैठी थी।
उसका चेहरा एक ओर से पीला-ज़र्द था और दूसरी ओर से गुलाबी-सुर्ख।