मरते-मरते लखपति बना गयी / गोवर्धन यादव
एक कांस्टेबल को किसी जुर्म में सस्पेन्ड कर दिया गया। वह दिन भर जुआं खेलता और शाम को टुन्न होकर घर लौटता। घर पहुँचते ही मियां-बीबी में तकरार होती ।वह घर ख़र्च के लिए पैसे मांगती तो टका-सा जबाब दे देता कि जेब में फ़ूटी कौडी भी नहीं है। बच्चॊं को कई बार भूखे पेट भी सोना पडता था। उसकी बीबी थी हिम्मत वाली। उसने सब्जी-भाजी की दुकान, एक पडौसन से कुछ रक़म उधार लेकर शुरु की। उसका व्यवहार सभी के साथ अच्छा था। देखते-देखते उसकी दूकान चल निकली। अब वह दो जून कि रोटी कमाने लायक हो गई थी। लेकिन उसके पति में कोई सुधार के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे
उसने कुछ अतिरिक्त पैसे भी जोड लिए थे। तभी उसकी बडी बेटी के लिए एक रिश्ता आया और उसने धूमधाम से बेटी की शादी भी कर दी। कुछ दिन बाद वह कांस्टेबल भी बहाल हो गया। नौकरी पर बहाल हो चुकने के बाद भी उसने अपनी दूकान बंद नहीं की।
कुछ दिन बाद उसकी बेटी के घर कोई पारिवारिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उसकॊ वहाँ जाना था। अपने पति और बच्चॊं के साथ वह रेल्वे स्टेशन पहुँची। ट्रेन के आने में विलम्ब था। ट्रेन के आगमन के साथ ही एक दूसरी ट्रेन भी आ पहुँची। दोनों ट्रेनो का वहाँ क्रासिंग़ था।जल्दबाजी में पूरा परिवार दूसरी ट्रेन में सवार हो गया, लेकिन शीघ्र ही उन्हे पता चल गया कि वे ग़लत दिशा कि ट्रेन में सवार हो गए है। पता लगने के ठीक बाद ट्रेन चल निकली थी। ट्रेन की स्पीड अभी धीमी ही थी, इस बीच उसके परिवार के सारे सदस्य तो उतर गए लेकिन उतरने की हडबडी में उसका पैर उलझ गया और वह गिर पडी. दुर्योग से उसकी साडी उलझ गयी थी और वह ट्रेन के साथ काफ़ी दूर तक घिसटती चली गई.
पति चिल्लाता-भागता दूर तक ट्रेन का पीछा करता रहा। पब्लिक का शोर सुनकर ट्रेन के परिचालक ने ट्रेन रोक तो दी लेकिन तब तक तो उसके प्राण पखेरु उड चुके थे...पुलिस केस दर्ज हुआ। सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद उसका शव परिजनॊं को सौप दिया गया। वे एक ख़ुशी के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे, लेकिन नहीं जानते थे कि दुर्भाग्य उनका पीछा कर रहा था लगातार।
उसके मृत्यु को अभी सात-आठ माह ही बीते होंगे कि इसी बीच रेल्वे से क्लेम की राशि स्वीकृत होकर आ गई. जेब में रक़म आते ही उसने दूसरी शादी कर ली और एक नय़ी इन्डिका खरीद लाया। अब वह अपनी नई बीबी के साथ कार में सवार होकर फ़र्राटे भरने लगा था। पास-पडॊसी कहते"बीबी मर तो गई लेकिन उसे लखपति बना गई." ।