मार्केस की कहानी / प्रभात रंजन / पृष्ठ 1
Gadya Kosh से
‘मार्केस की कहानी’ पुस्तक का नाम है। लेकिन यह अनुवाद की नहीं उनके जीवन और लेखन पर एकाग्र पुस्तक है। जिसे मैंने उन्हीं की तरह रोचक शैली में लिखने की कोशिश की है। मार्केस से तो पूरा संसार प्रभावित रहा है। हर भाषा में उनके प्रभाव दिख जाते हैं। उनकी किस्से-कहानियों वाली शैली मुझे अपने गाँव की कहानियों की तरह लगते हैं। अच्छा लगा उनके ऊपर पुस्तक लिखकर। मुझे संतोष है कि लोगों ने उस पुस्तक को पसंद भी किया। -प्रभात रंजन