मास्टर बैडरूम / शोभना 'श्याम'
"ये कमरा बच्चों का होगा सो इसकी रंग योजना थोड़े शोख रंगो की होनी चाहिए, पीला रंग तो ज़रूर हो और... ये ...बगीची की तरफ वाला कमरा हमारी माँ के लिए है इसकी कलर स्कीम सोबर और अलमारियाँ नीची होनी चाहियें।"
"सर! बुरा न माने तो एक बात कहूँ? ये तो घर का सबसे बड़ा कमरा है, इसे तो ...मास्टर बैडरूम होना चाहिए।"
"बिलकुल ठीक कहा, मेरी माँ मास्टरनी ही तो है हमारी हा हा! दुग्गल जी मेरी माँ बड़ी उम्र के कारण ज़्यादा चलने फिरने में असमर्थ हैं इसलिए घर में आने वाले मेहमानों को उनके कमरे में आके ही मिलना होता है और नज़दीकी मित्र और रिश्तेदार तो चाय नाश्ता भी उन्ही के कमरे में करते हैं। उनके कमरे में ही पूजाघर भी बनना है तो वार-त्यौहार पर पूजा पाठ वगैरह भी यही संपन्न हुआ करेंगे। माँ मेज पर खाना खाने नहीं आ पाती। इसलिए रात का खाना पूरा परिवार उन्ही के कमरे में टीवी देखते हुए खाता है और हाँ... बगीची की ताज़ी हवा और रंग बिरंगे फूलों कीसुंदरता कि घर में सबसे ज़्यादा ज़रुरत भी तो माँ के स्वास्थ्य को ही है।"
इंटीरियर डेकोरेटर की शर्मिंदा आँखों में घर के सबसे छोटे, सीलन भरे कमरे में अकेली पड़ी अपनी वृद्धा माँ की छवि घूम रही थी।