मुनाफा / हेमन्त शेष

Gadya Kosh से
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‘पाँच भाई साबुन’ मारवाड़ की तरफ बहुत बिकता है, जिस के रैपर पर उन पाँचों भाइयों की तस्वीर है- जिन्होंने कभी मिल-जुल कर इसे बनाने का कारखाना लगाया था.

साबुन लोकप्रिय क्या हुआ, मुनाफे को लेकर भाइयों के सिर फूट गए, कोर्ट कचहरी की नौबत तक आयी और अंततः साबुन की फैक्ट्री किसी और ने खरीद ली. पर चूंकि ट्रेड मार्क के तौर पर साबुन पर उन पाँचों की तस्वीर छपी हुई है, इसलिए नया सेठ बिक्री में नुक्सान की आशंका से उसका रैपर ही नहीं बदलता.

बरसों से मारवाड़ के गांवों के भोले-भाले लोग पाँच भाई साबुन’ से नहाते हुए भाइयों के आपसी प्रेम-भाव की बात करते हैं.