मैरी कॉम बायोपिक भाग 2? / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 23 अक्टूबर 2018
मैरी कॉम ने बॉक्सिंग खेल में कई बार विजय पाई है, अनगिनत खिताब हासिल किए हैं। जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद भी वे अपने मनपसंद खेल में विजयी हुईं। उनकी बायोपिक में प्रियंका चोपड़ा ने विश्वसनीय अभिनय किया। उस फिल्म में मैरी कॉम के कोच का संवाद इस आशय का है कि जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद मैरी कॉम कमजोर नहीं होगी, वरन उसकी शक्ति दोगुनी बढ़ जाएगी। आजकल मैरी कॉम अपने बच्चों की परवरिश में इस बात को महत्व दे रही हैं कि बच्चों को खेलकूद और गीत संगीत में इतना व्यस्त रखो कि वे मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करें। मैरी कॉम मानती हैं कि मोबाइल परिवर्तन का प्रतीक है और इसे जीवन में खारिज नहीं किया जा सकता परंतु मोबाइल प्रेम एक रोग नहीं बन जाए इसका ख्याल रखना जरूरी है। गोयाकि वे संतुलन की बात कर रही हैं। आज माता-पिता होना अपने आप में बड़ा दायित्व बन चुका है।
संचार माध्यम के बहुमुखी विकास के साथ नए उत्तरदायित्व भी आए हैं। मोबाइल को कमीज की जेब में नहीं रखना चाहिए। वह आपके हृदय को प्रभावित कर सकता है। उसे पैंट या जींस की जेब में भी नहीं रखा जा सकता। महिलाएं पर्स में रख सकती हैं और पुरुष भी उसे अपने शरीर से दूर परंतु हाथ की पहुंच के भीतर रख सकते हैं। टेक्नोलॉजी वरदान और श्राप दोनों ही हैं। गर्भवती सर्पणी की तरह टेक्नोलॉजी जन्म देने के बाद अपने ही अंडों को खा जाती है। हवा के कारण कतार से लुढ़के कुछ अंडे बच जाते हैं। माता-पिता के दायित्व निभाने का प्रशिक्षण भी हो सकता है। अन्य विधाओं के प्रशिक्षण की तरह इस विधा के प्रशिक्षण के लिए शिक्षक नहीं मिलेंगे। बच्चे कूदते, फांदते, खेलते, पढ़ते मानवता की संपदा हैं, जिनको माता-पिता द्वारा दिया गया समय एक तरह से भविष्य निधि है। यह सबसे सुरक्षित पूंजी निवेश है। जिस पर सरकार कोई कर नहीं लगा सकती।
बच्चों पर लिखते समय फिल्म 'चिल्लर पार्टी' की याद आना लाजमी है। उस फिल्म में बच्चे अपने एक बेघरबार साथी और उसके कुत्ते की रक्षा बखूबी करते हैं और एक दंभी राजनेता को टेलीविजन पर प्रसारित खुली बहस में पराजित करते हैं। आज अगर महात्मा गांधी का पुनरागमन होता तो वे बच्चों के माध्यम से ही एक रक्तहीन क्रांति करने का प्रयास करते। मैरी कॉम और उनके पति महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं और बायोपिक का दूसरा भाग भी बन सकता है। प्रियंका चोपड़ा के लिए एक और भूमिका भी रची जा सकती है। प्रियंका चोपड़ा विवाह करने वाली हैं और स्वाभाविक है कि वे माता भी बनेंगी। इस तरह मैरी कॉम बायोपिक भाग 2 के लिए वे स्वयं को तैयार कर रहीं हैं। वर्तमान में प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण और कैटरीना शिखर श्रेणी की सितारा है परंतु अनुष्का शर्मा और भूमि पेडनेकर भी अपना स्थान बना चुकी हैं। भूमि पेडनेकर ने आदित्य चोपड़ा के परामर्श पर अपना वजन बढ़ाकर 'दम लगाकर हईशा' में विश्वसनीय अभिनय किया। बाद में वजन घटाकर कुछ फिल्मों में अभिनय किया। उनकी अभिनीत 'शुभ मंगल सावधान' भी सफल रही।
दरअसल, वे एकमात्र कलाकार हैं जिनकी अभिनीत सभी फिल्में सफल रही हैं। भूमि पेडनेकर ने जोया अख्तर की 'लस्ट स्टोरीज' में भी एक साहसिक भूमिका का निर्वाह किया है। भारत हर क्षेत्र में प्रतिभा का भंडार है। परंतु राजनीतिक क्षेत्र प्रतिभाहीन है और यही बात सारे समीकरण बदल रही है।