मौन-आचार / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल
Gadya Kosh से
अरादस राज्य के बड़े-बूढ़े एक बार दरबार में हाजिर होकर अपने राजा से मिले। उन्होंने उससे गुजारिश की कि राज्य के निवासियों पर किसी भी प्रकार की शराब पीने या नशा करने पर रोक लगाने सम्बन्धी आदेश जारी किया जाय।
राजा मौनपूर्वक पीछे मुड़ा और उन पर हँसता हुआ बाहर चला गया।
हताश होकर बुजुर्ग लौट चले।
राजमहल के दरवाजे पर उनकी मुलाक़ात राज्य के प्रधानमन्त्री से हो गई। उसने देखा कि वे सब परेशान थे। उसने उनकी परेशानी को समझा और बोला, "दुखी न होओ दोस्तो! क्या आपने महाराज को नशे में देखा? नहीं न। उन्होंने निश्चित रूप से आपकी अपील मान ली है।"