याददाश्त - 2 / हेमन्त शेष

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याददाश्त बड़ी अच्छी चीज़ है. आप टीकमगढ़ जाना चाहते हैं तो टीकमगढ़ का टिकट खरीदेंगे, टीकमगढ़ जाने वाली बस में ही बैठेंगे और एकाध से पूछ भी लेंगे, ‘क्यों भाईसाब, ये बस टीकमगढ़ ही जा रही है न? ’ और इस तरह टीकमगढ़ आने पर आप उतर जाएंगे.

पर अगर बस का ड्राइवर बस को टीकमगढ़ न ले जाये और छतरपुर ले जा कर रोक दे… और उसे ही टीकमगढ़ मानता हुआ आप से कहे- “चलिए… टीकमगढ़ आ गया!” तो आप उसकी याददाश्त का क्या कर लेंगे?