यादवेंद्र शर्मा ‘चंद्र’ / परिचय
Gadya Kosh से
जन्म
यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' जी का जन्म ब्रिटिशकालीन भारत में 1932 में राजस्थान के बीकानेर में हुआ था।
कुछ प्रमुख कृतियाँ
- सन्यासी और सुंदरी', 'दीया जला दीया बुझा', 'हज़ार घोडों पर सवार', 'कुर्सी गायब हो गई', 'एक और मुख्यमंत्री', 'खम्मा अन्नदाता', 'पराजिता', 'खून का टीका'
- पहली राजस्थानी फ़िल्म 'लाज राखो राणी सती'के लेखक
- 'साहित्य अकादमी', नई दिल्ली; 'राजस्थान साहित्य अकादमी', उदयपुर; 'राजस्थानी भाषा संस्कृति एवं साहित्य अकादमी', बीकानेर सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित
- यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' के उपन्यास 'हज़ार घोडों पर सवार' पर टीवी धारावाहिक बना था, 'लाज राखो राणी सती' नामक पहली राजस्थानी फ़िल्म भी इनके लेखन का ही परिणाम थी। 'गुलाबडी', 'चकवे की बात' और 'विडम्बना' पर भी टेलीफ़िल्म का निर्माण हुआ था।
निधन
यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' का निधन 3 मार्च, 2009 में जयपुर, राजस्थान में हुआ। उन्होंने अपनी रचनाओं से समाज को नई दिशा देने का काम किया था। उनकी रचनाएं पाठकों के मन पर अमिट छाप छोड़ने में सक्षम हैं। आजीवन सादगी एवं इमानदारी से रहते हुए उन्होंने अपने रचना धर्म से देश का मान बढ़ाया।