याद तेरी आएगीमुझको बड़ा सताएगी / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 21 दिसम्बर 2020
30 अप्रैल 2021 को आयोजित होने वाले ऑस्कर पुरस्कार वितरण के समय संस्था के एक नए भवन का उद्घाटन होगा। मुख्यालय के निकट बने इस भवन में देशी-विदेशी फिल्मों के पोस्टर व होर्डिंग्स के चित्र रखे जाएंगे। जयपुर के बृज मोहन गुप्ता के बनाए गए पोस्टर भी प्रदर्शित किए जाएंगे। बृज मोहन के पुत्र एम.डी गुप्ता ने अपने पिता के बनाए चित्र संस्था को निशुल्क दिए हैं जबकि संस्थाएं उन्हें बहुत से डॉलर देने के लिए तत्पर थीं। इसके पूर्व उनके पुत्र, बृजमोहन के बनाए मुग़ल-ए-आज़म के पोस्टर फिल्म्स डिवीजन को भेंट कर चुके हैं। एम.डी गुप्ता अपने पिता के बनाए चित्रों से कुछ कमाना नहीं चाहते। ज्ञातव्य है कि के. आसिफ ने ‘मुग़ल-ए-आज़म’ का प्रिंट हाथी पर रखकर मराठा मंदिर पहुंचाया था। जब फिल्म को रंगीन किया गया तब दिलीप कुमार को उनकी जयपुर यात्रा में शाही बग्घी में बैठाकर सिनेमाघर तक ले जाया गया था। अब दिलीप 97 वर्ष के हैं और विगत लंबे समय से वे अपनी याददाश्त खो चुके हैं। मुंबई में आयोजित एक समारोह में मधुबाला का नाम लिए जाने पर उनके चेहरे पर भावना देखी गई। अगर उनके सिरहाने सायरा जी मधुबाला का चित्र रखें तो संभव है कि उनकी याददाश्त वापस आ जाए।
1986 में मुंबई में ‘होप 1986’ नामक संगीत कार्यक्रम में राज कपूर ने मंच पर छोटा सा वक्तव्य दिया और दिलीप कुमार को स्टेज पर आमंत्रित किया। दरअसल दिलीप-राज एक-दूसरे के गहरे मित्र थे और उनकी प्रतिद्वंद्विता मीडिया द्वारा गढ़ी गई थी। फिल्म ‘अंदाज’ में नरगिस, दिलीप और राज कपूर ने अभिनय किया। बाद में वे कभी साथ नहीं आए। ‘संगम’ की पटकथा और चेक लेकर राज कपूर ने दिलीप से कहा कि वह दो भूमिकाओं में किसी एक को चुनें और चेक पर मनमानी रकम भर लें। दिलीप ने सविनय प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया कि दोनों के प्रशंसक किसी मौके की तलाश में हैं कि वे आपस में भिड़ें। हमें उन्हें ऐसा कोई अवसर नहीं देना चाहिए। दोनों ने इसे नजर अंदाज़ किया।
रोबो का निर्माण मनुष्य ने किया है। अब रोबो मनुष्य पर नियंत्रण करना चाहता है। इस पर ‘बाइसेंटेनियल मैन’ सबसे चर्चित फिल्म है। एक वैज्ञानिक की पुत्री अपने पिता द्वारा निर्मित रोबो से प्यार कर बैठती है उनके विवाह के प्रार्थना पत्र को अदालत व चर्च अस्वीकार कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में जब उनकी अर्जी पर सकारात्मक फैसला आता है तब तक रोबो की एक्सपायरी डेट आ चुकी थी। हर चीज पर एक्सपायरी डेट होती है, सृजनधर्मी लोगों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती।
अमेरिका मोशन पिक्चर अकादमी ने पुरस्कार स्वरूप दी जाने वाली मूर्ति के लिए एक प्रतिस्पर्धा रखी थी। चुनी गई स्टेचू को देखकर अकादमी की एक मामूली काम करने वाली महिला ने कहा कि यह उसके अंकल ऑस्कर से बहुत साम्य रखती है। उसी के बाद उसे ऑस्कर कहा जाने लगा। खेल कूद में भी स्वर्ण पदक और कप दिया जाता है। टेनिस के प्रसिद्ध खिलाड़ी ब्योर्न बोर्ग ने उम्रदराज होने के बाद कमाई खर्च देने के कारण अपने कप और मेडल बेचकर जीवन-यापन किया। बहरहाल हम अपनी विरासत के प्रति लापरवाह रहे हैं। फिल्म विरासत को बचाने का काम शिवेंद्र डूंगरपुर कर रहे हैं।