योग्य उम्मीदवार / कुबेर

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कर्मचारी संघ के यूनियन का चुनाव हो रहा है। संघ में तीन गुट हैं। तीनोंने अपने-अपने श्रेष्ठ उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है।

तिकड़मी गुट के उम्मीदवार हैं तिकड़म जी भाई। ये यथानाम तथागुण वालेअत्यन्त लोकप्रिय कर्मचारी नेता हैं। इनके दिव्य व्यक्तित्व से हमेशातिकड़मी ऊर्जा की अलौकिक आभा प्रकीर्णित होती रहती है। अपने तिकड़मी गुणोंके कारण ही अधिकारियों और राजनेताओं, दोनों में इनकी अच्छी पैठ है।अध्यक्ष पद के ये प्रबल दावेदार हैं।

दूसरे उम्मीदवार का नाम दलाल जी भाई है। शासकीय सेवा में आने से पहले येदलाली का ही काम करते थे। इस काम में इनका कोई सानी नहीं है। इनके लिए हरसमस्या का समाधान केवल दलाली है। आज भी बड़े-बड़े अधिकारी और नेता इनकीदलाली के दलदल में धंसकर उबुक-चुबुक हो रहे हैं। दलाली नामक इससर्वसमस्या मुक्तिदायिनी युक्ति के बल पर चुनाव जीत लेने का इन्हें पूराभरोसा है।

इन दोनों सशक्त उम्मीदवारों के अलावा जो तीसरा उम्मीदवार चुनावी मैदानमें ताल ठोक रहा है, उसका नाम है पीटो सिंह। इनके गुट का मैदानावतरणचुनावी अश्वमेघ में पूर्णाहूति डालने के लिए ही हुआ है। दो दिन पहले तकइनसे और इनके गुट से, लोग कतइ अनजान थे। अब केवल इन्हीं के चर्चे हो रहेहैं। तिकड़म जी भाई और दलाल जी भाई के होश उड़े हुए हैं।

पीटो सिंह के रातों-रात लोकप्रिय होने का कारण पी. एण्ड जी. एजेंसी है।यहाँ पर चुनाव जिताने वाली यह एक मात्र एजेंसी है। इनका नारा है पीटो औरजीतो। एजेंसी का नाम इसी नारे के संक्षिप्त रूप से प्रगट हुआ लगता है।कुछ लोग इस गुट को पिओ और जियो गुट भी कहते हैं। पीटो सिंह इसी एजेंसी कीसेवाएँ ले रहे हैं। लोगों का कहना है कि पीटो सिंह खुद इस एजेंसी केकर्ता-धर्ता हैं।

पीटो सिंह की उम्मीदवारी तय होने के दूसरे दिन ही शहर से प्रकाशित होनेवाले सभी अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर एक ही समाचार छाया हुआ था, ’पीटोसिंह निलंबित।’

कर्मचारियों का निलंबन दुर्लभ और मंगलकारी घटना मानी जाती है। जिसकीपदोन्नति नहीं हो रही हो, स्थानांतरण न हो रहा हो, वह इसी घटना का आह्वानकरता है।

पीटो सिंह के निलंबन की चर्चा आम हो गई है। कोई कह रहा था - “पीटो सिंहगजब का हिम्मती है भइ। आफिस में ही घुँसकर बड़े बाबू को पीट दिया। ऐसा कामतो कोई कलेजे वाला ही कर सकता है।”

दूसरे ने प्रतिवाद किया - “अबे, उसने बाबू को नहीं, साहब को पीटा है।”

“अच्छा हुआ, बहुत माल सोंट रहा था साला।”

जितने मुँह, उतनी बातें।

चुनाव परिणाम घोषित हुआ। पीटो सिंह प्रचंड मतों से कर्मचारी संघ का नेताचुन लिया गया।