रंगे हाथ / सपना मांगलिक

Gadya Kosh से
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मिसेज भल्ला धोबिन को सर्फ़ देते हुए "आजकल बड़ी जल्दी-जल्दी सर्फ़ ख़त्म हो रहा है एं? कहीं चुरा-वुरा तो नहीं ले जाती वर्ना इतनी जल्दी सर्फ़ ख़त्म होने का सवाल ही नहीं उठता"। धोबिन- "कैसी बात करती हो बीवीजी? हम गरीब हैं मगर चोर नहीं"। मिसेज भल्ला – "किसी दिन रंगे हाथ पकड़ लूंगी ना तब सारी साहूकारी निकल आएगी। बड़ी आई डायलोग मारने वाली हम गरीब हैं मगर चोर नहीं (मुंह बनाकर धोबिन की नक़ल उतारते हुए)। इतने में पतिदेव ने ड्राइंग रूम से आवाज लगते हुए कहा "अजी सुनती हो मेरी कल वाली कमीज धुलने दे दो" मिसेज भल्ला कमरे से कमीज लेने गयी तभी मुख्य द्वार की घंटी बजी कोई मिलने वाला था, जिसकी सूचना मिसेज भल्ला को देने धोबिन कमरे की ओर गयी। अन्दर का द्रश्य देख धोबिन की आंखें खुली की खुली रह गयीं मिसेज भल्ला कमीज की जेब से पांच-पांच सौ के कुछ नोट हड़बड़ी में अपने ब्लाउस में छिपाने की कोशिश में लगी थीं।