रणबीर और दीपिका की शपथ / जयप्रकाश चौकसे

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रणबीर और दीपिका की शपथ
प्रकाशन तिथि :24 सितम्बर 2015


रणबीर कपूर, करण जौहर की फिल्म की लंदन में हो रही शूटिंग से एक दिन के लिए मुंबई आए जहां उन्होंने इम्तियाज अली की 27 नवंबर को प्रदर्शित होने वाली 'तमाशा' का ट्रेलर जारी किया। इस ट्रेलर से ज्ञात हुआ कि नायक रणबीर और नायिका अलग-अलग शहरों में नौकरियां करते हैं और अपनी छुट्‌टी में पहाड़ पर इत्तफाक से मिले। दोनों के बीच कोई व्यवहार हुआ और नायक ने नायिका से कहा कि तमाम प्रेम कहानियां इसी तरह शुरू होती हैं और इससे बचने के लिए हम तय करते हैं कि एक-दूसरे को अपना नाम नहीं बताएंगे और मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान भी नहीं करेंगे। नायिका पूछती है कि इन छुटि्टयों में कभी फिर टकरा गए तो संबोधित कैसे करेंगे? नायक कहता है कि हम नकली नाम रख लेते हैं और आओ हम शपथ लें कि एक-दूसरे से कभी सच नहीं बोलेंगे।

हम हमेशा झूठ बोलेंगे। इम्तियाज अली ने 'तमाशा' का आकल्पन इस आधार पर किया कि मोटेतौर पर युवा प्रेम-कथाएं इत्तफाकाना मुलाकात से ही शुरू होती हैं और तमाम क्लासिक प्रेम-कथाएं, जैसे शीरी फरहाद, लैला मजनू, शशि-पुन्नो और रोमियो जूलियट दुखांत रही हैं। जीवन व साहित्य में कुछ प्रेम-कथाएं सुखांत भी होती हैं। सच तो यह है कि प्रेम-कहानियों का साधारणीकरण नहीं किया जा सकता, क्योंकि सभी व्यक्ति एक से नहीं होते! प्रेम के अंकुरित होने के स्वर्ण दिनों में युवा को लगता है कि यह युवती संसार की सबसे सुंदर कन्या है और युवती को लगता है यह युवा सबसे बुद्धिमान है परंतु साथ रहने पर भरम टूटने लगते हैं।

प्रथम चरण के प्रेम को अक्ष्क्षुण रखना कठिन है परंतु उसके सिवाय कोई रास्ता भी नहीं है। प्राय: इस रिश्ते में पुरुष के लिए अपनी पैदाइशी कमतरी को कबूल करने में कष्ट होता है और वह हिंसा पर उतर आता है, जो उसकी शारीरिक एवं मानसिक कमजोरी का ही प्रमाण है। बहरहाल, इम्तियाज अली की 'तमाशा' का मजेदार दृश्य, जिसमें नायक-नायिका झूठ बोलने की शपथ लेते हैं, का राजनीतिक रूपक भी आज का यथार्थ हो सकता है। सांसद और विधायक संविधान के प्रति निष्ठा की झूठी शपथ ही लेते हैं। एक लोकप्रिय नेता ने संभवत: कभी सच न बोलने की शपथ अपने जन्म के समय ही ली है। अभी हाल में उसने खादी वस्त्र की बिक्री में सौ प्रतिशत बढ़त की बात की और मात्र कुछ घंटों में ही विशेषज्ञों ने कहा कि बढ़त पांच फीसदी ही हुई है। इसी सत्यकाम ने बिहार के अपने भाषण में तक्षशिला को बिहार में बता दिया था और यह भी कहा था कि सिकंदर बिहार तक आया था जबकि वह पंजाब से अपने देश लौट गया था। कश्मीर में बाढ़ आने के समय 45 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा हुई थी और वहां के नेता कहते हैं कि अब तक एक पैसा नहीं आया। जाने कौन नेता कितना सच्चा-झूठा या झूठा सच कह रहा है। इसी तरह हर व्यक्ति को पद्रह लाख का वादा, 'वे लाएं, न लाएं, हम करेंगे इंतजार, ये हमारा दीवानापन है।' यह लोकप्रिय है कि युद्ध और प्रेम में सब जायज और इसमें जीत के लिए झूठ बोला जा सकता है परंतु हमें इसमें अब इतना संशोधन करना होगा कि प्रेम, युद्ध और राजनीति में सब जायज है। महाभारत में युधिष्ठिर हमेशा सत्य बोलने के लिए जाने जाते हैं परंतु कुरुक्षेत्र में युधिष्ठिर भी 'अश्वत्थामा' मारा गया, नरोवा कुंजरोवा' अर्थात नर नहीं हाथी बोलते हैं परंतु श्रीकृष्ण की शंखध्वनि के कारण सत्य वाला वाक्यांश सुना नहीं गया।

महाभारत के ही अनुशासन पर्व में एक विपुल नामक शिष्य की कथा है, जो गुरु-पत्नी की रक्षा के आदेश के पालन के लिए अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा गुरु-पत्नी के शरीर में प्रवाहित करता है, जिस कारण इंद्र लौट जाते हैं परंतु वे अपने गुरु देवाशीश से कैसे कहें कि उनके आदेश के पालन के लिए उसने ऊर्जा प्रवाहित करके गुरु-पत्नी की आत्मा में ही प्रवेश किया, जबकि इंद्र का उद्देश्य तो शरीर मात्र था। गुरु उसे समझाते हैं कि किसी भी कार्य के परिणाम से उसका संपूर्ण आकलन संभव नहीं है वरन् उसके पीछे व्यक्ति की नीयत क्या है, यह देखना होगा। आज शिखर नेता के निरंतर झूठ पर समाज में कोई विरोध नहीं कर रहा है। सफलता का मंत्र आज गायत्री मंत्र का स्थान ले चुका है। बहरहाल, रणबीर कपूर और दीपिका की प्रेम-कथा में किसने, क्या शपथ ली परंतु अब कटरीना कैफ ही उसका सत्य है।