राजदण्ड / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल
Gadya Kosh से
एक राजा ने अपनी पत्नी से कहा, "मैडम, आप सही मायनों में रानी नहीं हैं। आप इतनी भोंडी और बदशक्ल हैं कि मेरी महारानी हो ही नहीं सकतीं।"
बीवी बोली, "महोदय, आप खुद को नवाब समझते हैं? वास्तविकता यह है कि आप निहायत गरीब आदमी है।"
ये शब्द सुनकर राजा नाराज हो गया। उसने अपना सोने का राजदण्ड उठाया और मूठ की ओर से महारानी के माथे पर दे मारा।
उसी क्षण एकाएक प्रधानमंत्री अन्दर आ गया। वह बोला, "वाह, वाह महाराज! इस राजदण्ड का डिजाइन राज्य के सबसे महान कलाकार ने तैयार किया था। खेद है! एक दिन आपको और महारानी को लोग भूल जाएँगे। लेकिन, कला की निशानी यह खूबसूरत राजदण्ड पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता रहेगा। और अब, जब कि आपने महारानी के रक्त से इसे नहला दिया है, यह और भी अधिक उल्लेखनीय और यादगार बन गया है।"