राजस्थानी नाट्य समारोह आयोजित / कथेसर

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मुखपृष्ठ  » पत्रिकाओं की सूची  » पत्रिका: कथेसर  » अंक: अक्टूबर-दिसम्बर 2012  

राजस्थानी रंगमंच अर राजस्थानी नाटकां में बधापो करण सारू पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर अनै राजस्थान संगीत नाटक अकादमी उदयपुर री भेळप मांय 7 सूं 9 सितंबर नै शिल्पग्राम-उदयपुर रै दर्पण सभागार में राजस्थानी नाट्य समारोह आयोजित व्हीयो। इण समारोह री पैली रंग प्रस्तुति 'पावसी’ नाटक सूं व्ही। वरिष्ठ रंगकर्मी दलपत परिहार निरदेसित अर अशोक जोशी 'क्रांत’ लिखित इण नाटक में राजस्थानी परिवेस अर संस्कृति रा रंग देखण् नै मिल्या। बुढिया रै रूप में अेकल किरदार नीतू परिहार सांतरै ढंग सूं निभायो। दूजै दिन डॉ. अर्जुनदेव चारण रो लिख्योड़ो अर निरदेसित नाटक 'सत्याग्रह’ खेल्यो गयो। इण नाटक में मारवाड़ धरा री सं. 1643 री अेतिहासिक घटना रो कथानक रूप में चित्रण कर्यो गयो। नाटक में 185 चारण कवि आपरै आत्मस्वाभिमान अर सबदां री ओळख बचायां राखण सारू आत्मबलिदान देवै। राजसी वेशभूषा, मंच सिणगार अर सशक्त गीतां रै साथै संगीत सूं गूंथ्योड़ी आ रंग प्रस्तुति दरसकां नै अभिभूत कर दीन्हा। 9 सितंबर नै अनुराग कला केन्द्र बीकानेर री रंग प्रस्तुति 'दुलारी बाई’ नाटक सुधेश व्यास रै निरदेसन में खेल्यो गयो। मूल नाटक मणि मधुकर रो है। इण में कंजूस लुगाई दुलारी बाई रै व्यक्तित्व अर चरित्र नै दिखायो गयो है। इण नाटक में बीकानेर रो लोक नाट्य 'रम्मत’, होळी रा गीत, ब्याव रा पारम्परिक गीत, कच्छी घोड़ी, स्वांग, मांड गायन शैली रो प्रयोग कर’र राजस्थानी संस्कृति नै मंच माथै साकार कर दीन्ही।

-गौरीशंकर