रिश्तों की भूलभुलैया की फिल्म / जयप्रकाश चौकसे
रिश्तों की भूलभुलैया की फिल्म
प्रकाशन तिथि : 21 अगस्त 2012
सैफ अली खान और उनकी पहली पत्नी अमृता सिंह की सुपुत्री अभिनय क्षेत्र में आना चाहती है और अमृता सिंह ने आदित्य चोपड़ा से संपर्क किया है। वर्षों पूर्व यशराज चोपड़ा ने अपने सहायक दीपक सरीन के निर्देशन में 'आईना' नामक फिल्म बनाई थी, जिसमें अमृता सिंह, जूही चावला तथा जैकी श्रॉफ ने अभिनय किया था तथा आदित्य चोपड़ा सहायक निर्देशक थे। अत: आदित्य और अमृता अजनबी नहीं हैं। आदित्य चोपड़ा स्थापित सितारों के साथ ही नए कलाकारों को लेकर भी कम बजट की फिल्में बनाते हैं। उन्होंने ही रणवीर सिंह, अनुष्का शर्मा और अर्जुन कपूर को अवसर दिया है। अत: इस सितारा पुत्री को भी अवसर मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा आदित्य बहुसितारा फिल्में भी बनाते हैं, अत: किसी फिल्म में करीना कपूर, सैफ अली खान और उनकी पुत्री भी साथ-साथ नजर आ सकते हैं।
ज्ञातव्य है कि इस वर्ष १६ अक्टूबर को सैफ और करीना का विवाह होने जा रहा है। अत: अमृता सुपुत्री अपनी सौतेली मां के साथ किसी फिल्म में नजर आ सकती है। अगर अमृता भी फिल्मों में वापसी करें तो खेल और रोमांचक हो सकता है। गौरतलब है कि अमृता सिंह ने सनी देओल के साथ राहुल रवैल निर्देशित 'बेताब' से अपनी अभिनय यात्रा शुरू की थी और 'मर्द' जैसी फिल्म में वह अमिताभ बच्चन की नायिका बनीं। आपातकाल के दौरान अमृता की मां संजय गांधी की निकट सहयोगी थीं।
सैफ के साथ अपने प्रेम विवाह के समय अमृता की उम्र सैफ से अधिक थी और अब सैफ के दूसरे विवाह में उनकी पत्नी करीना उनसे काफी छोटी और उनकी पुत्री से थोड़ी बड़ी हैं। सैफ अली खान की मां शर्मिला टैगोर ने अपना अभिनय सफर महान फिल्मकार सत्यजीत राय के साथ शुरू किया था और बंबई (अब मुंबई) फिल्मोद्योग में वह शम्मी कपूर के साथ शक्ति सामंत की 'कश्मीर की कली' से आई थीं। उन्होंने यहां लंबी सफल पारी खेली। उनका विवाह क्रिकेट कप्तान नवाब मंसूर अली खान पटौदी के साथ हुआ था। शर्मिला ने राजेश खन्ना के साथ उनके शिखर दिनों में 'आराधना', 'अमर प्रेम', 'सफर' और 'दाग' जैसी फिल्में अभिनीत की। ज्ञातव्य है कि यश चोपड़ा ने अपने बड़े भाई बलदेवराज चोपड़ा से अलग होकर अपनी पहली स्वतंत्र फिल्म राजेश खन्ना, शर्मिला टैगोर व राखी अभिनीत 'दाग' ही बनाई थी और सुनते हैं कि उसी विचार से प्रेरित है उनकी ताजा अनाम फिल्म, जिसमें शाहरुख खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा अभिनय कर रहे हैं। कल्पना करें कि शर्मिला भी चरित्र भूमिका में वापसी करती हैं तो एक रिश्तों के धागे भीतर धागानुमा फिल्म भी रची जा सकती है। दरअसल नाटकीय कथाओं को नई धार मिल जाती है, जब उनमें यथार्थ के रिश्तेदार अभिनय करते हैं। ज्ञातव्य है कि ख्वाजा अहमद अब्बास की 'आवारा' पर मेहबूब खान पृथ्वीराज कपूर और दिलीप कुमार को लेकर फिल्म बनाना चाहते थे, परंतु अब्बास साहब अपनी फिल्म में यथार्थ के पिता-पुत्र ही चाहते थे। जावेद अख्तर की सुपुत्री जोया अख्तर रनबीर कपूर और करीना कपूर को भाई-बहन की भूमिकाओं में लेकर फिल्म बनाना चाहती हैं और पटकथा लिख रही हैं।
बलदेवराज चोपड़ा की यश चोपड़ा निर्देशित 'वक्त' तीन जुदा हुए भाइयों की पारिवारिक कथा थी और यशराज की 'कभी कभी' में भी रिश्तों की भूलभुलैया थी। आजकल सारा फिल्म व्यवसाय सनसनी पैदा करके प्रथम सप्ताह की आय पर टिका है और ऐसे में बहुसितारा फिल्म विशेष आकर्षण रहती है। सैफ की बहन सोहा भी अभिनय क्षेत्र में है। करण जौहर ने भी इस तरह की फिल्में बनाई हैं।
सैफ-करीना के विवाह के बाद इस फिल्मी घराने की ताकत में इजाफा हो सकता है। फिल्म उद्योग में इस तरह के अनेक परिवार हुए हैं और आज भी सक्रिय हैं। महेश भट्ट की पहली पत्नी से पैदा हुई पूजा अभिनय कर चुकी हैं और उनकी दूसरी पत्नी सोनी राजदान की पुत्री आलिया करण जौहर की 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' की नायिका है। उसके बेहतरीन अभिनय के चर्चे हो रहे हैं और उसमें सितारा होने की संभावना है, परंतु महेश भट्ट आजकल जिस तरह की फिल्में बना रहे हैं, उसमें उन्हें अपनी बेटी को लेने में संकोच होगा। एक जमाने में फिल्म उद्योग में मान्यता थी कि ऐसी कथा पर फिल्म बनाना चाहिए, जिसे स्वयं निर्माता का पूरा परिवार एक साथ बैठकर देख सके, परंतु अब सप्ताहांत के लिए लिए फिल्म बनाई जाती है, अत: उसका सनसनीखेज होना जरूरी है।