रुबरू / खलील जिब्रान / सुकेश साहनी
Gadya Kosh से
(अनुवाद :सुकेश साहनी)
(एक)
वे मुझसे कहते हैं, "जब तुम खुद को जान लोगे तो सारी दुनिया को समझ जाओगे।"
मैं कहता हूँ, "जब मैं दूसरों को समझ लूँगा तभी खुद को पा सकूंगा।"
(दो)
मेरे दुश्मन ने मुझसे कहा, "दुश्मन से प्यार करो।"
मैंने उसका कहना मान लिया और खुद से प्यार करने लगा।