रेत के घरौंदे बनाने जैसे हैं सरकार गिराने के प्रयास / जयप्रकाश चौकसे

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रेत के घरौंदे बनाने जैसे हैं सरकार गिराने के प्रयास
प्रकाशन तिथि : 19 जुलाई 2020


राजस्थान में फिल्म शूूटिंग का लंबा इतिहास रहा है जो 1928 में हिमांशु राय और देविका रानी की फिल्म ‘शीराज’ से शुरू होता है। ‘स्पेशल 26’ नामक अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म तक ये सिलसिला जाता है, जिसमें चोरों का एक दल स्वयं को आयकर अधिकारी बताकर उल्लू सीधा करता है। चोरों की जांच-पड़ताल करने वाले पुलिस दल में ही एक चोर अधिकृत तौर पर आ मिला है। इस तरह पुलिस के कार्यकलाप की जानकारी दल को मिल जाती है और वह योजना में फेरबदल करके सफल होता रहता है।

संजय लीला भंसाली की ‘हम दिल दे चुके सनम’ की कुछ शूटिंग राजस्थान में हुई है। यशराज की ‘चांदनी’ और ‘लम्हे’ की कुछ शूटिंग राजस्थान में हुई है। जेपी दत्ता ने अपनी फिल्म गुलामी, बंटवारा, यतीम, बॉर्डर, एलओसी और पलटन की काफी शूटिंग राजस्थान में की है। राजस्थान की सरकारें फिल्मकारों के साथ सहयोग करती रही हैं। जेपी दत्ता ने राजस्थान में इतने अधिक समय तक शूटिंग की है कि उन्हें वहां का आधार कार्ड भी दिया जा सकता है। राजस्थान में जन्मे सर्वकालिक महान लेखक विजय दान देथा की कथाओं से प्रेरित फिल्में बनी हैं। ज्ञातव्य है कि उनकी एक फिल्म पर अमिताभ और अमोल पालेकर अभिनीत ‘पहेली’ बनी है और उसी कथा पर बनाई यह दूसरी फिल्म थी। यह कमाल का आकल्पन है कि एक भूत एक स्त्री के प्रेम के कारण मानव स्वरूप में ही बने रहना चाहता है। उसकी पत्नी पहले ही स्पर्श से सत्य जान गई थी, परंतुु वह रिश्ता जारी रखती है, क्योंकि उसका पति पैसे के लोभ में उससे दूर ही रहा। उसका मर्मस्पर्शी संवाद है कि- उसकी वापसी के लिए क्या प्रार्थना करूं, जो सात फेरे लगाकर भी लोभ के फेर में पहले दिन ही विदेश चला गया। मुगले आजम की कुछ शूटिंग राजस्थान में हुई और समर्पित कलाकार पृथ्वीराज कपूर ने तपती रेत में नंगे पैर चलने की जिद की।

आशुतोष गोवारिकर की जोधा-अकबर की शूटिंग भी राजस्थान में हुई है। घटनाओं को क्रम से देखें तो जोधा-अकबर के बाद ही मुगले आजम में प्रस्तुत घटनाएं घटी हैं। मुगल बादशाह शाहजहां भी राजस्थान में जन्मी राजकुमारी के पुत्र थे। ताजमहल की बुनियाद भी राजस्थान में ही पड़ी थी। अगर हम कला को भोजन की थाली मान लें तो राजस्थान की इला अरुण आचार, कढ़ी की तरह थाली में शामिल हैं। याद आता है कि गोवारिकर की जोधा...अकबर के लिए भोजन पकाती है और अकबर यह फैसला करते हैं कि वे सप्ताह में एक दिन इसी तरह का भोजन करेंगे। कवि सम्मेलनों में लोकप्रिय रहे नीरज राजस्थान में ही जन्मे। उन्होंने कुछ फिल्मों में गीत भी लिखे। ‘जोकर’ का गीत- ऐ भाई जरा देखकर चलो तो उनकी गायकी से प्रेरित संगीत रचना है। दरअसल, मदर इंडिया के लिए विख्यात फिल्मकार मेहबूब खान के जीवन में निर्णायक परिवर्तन उस समय आया, जब फिल्म के नायक ने घुड़सवारी से इनकार किया और मेहबूब खान ने उसके बदले खुद घुड़सवारी की। इस तरह वे प्रथम बॉडी डबल रहे। इसी घटना के बाद उन्हें फिल्म निर्देशन का अवसर मिला। के. आसिफ अपनी फिल्म ‘लव एंड गॉड’ की शूटिंग राजस्थान में कर रहे थे। फिल्म के नायक संजीव कुमार के.सी. बोकाड़िया की फिल्म की शूटिंग चेन्नई में कर रहे थे। शूटिंग के लिए बोकाड़िया को संजीव कुमार से कुछ अतिरिक्त दिन चाहिए थे, जो के. आसिफ के लिए आरक्षित किए गए थे। दरियादिल के. आसिफ ने बोकाड़िया को इजाजत दी कि वह संजीव कुमार के साथ अपनी शूटिंग पूरी कर लें। कालांतर में उसी उपकार के बदले के.सी. बोकाड़िया ने अधूरी रही फिल्म ‘लव एंड गॉड’ को जैसे-तैसे पूरी करके प्रदर्शित किया था। अगर हम हवाई जहाज में बैठकर रेगिस्तान को देखें तो समुद्र देखने का अहसास होता है। हवा, रेत उड़ाकर जगह-जगह टीले बना देती है। कुछ ही क्षणों में टीला नदारद हो जाता है और अन्य स्थान पर नजर आता है। चुनी हुई सरकार को गिराना भी रेत का घरौंदा बनाने की तरह है।