लंदन ड्रीम्सि और मोजार्ट ड्रीम / जयप्रकाश चौकसे
लंदन ड्रीम्सि और मोजार्ट ड्रीम
प्रकाशन तिथि : 24 अक्टूम्बर 2009
संजय लीला भंसाली की सफलतम फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ के बाद सलमान खान और अजय देवगन अब विपुल शाह की ‘लंदन ड्रीम्स’ में साथ आ रहे हैं। संजय की ‘हम दिल दे चुके सनम’ कई कारणों से यादगार फिल्म है। इसकी शूटिंग के दरमियान खान-देवगन मित्रता पनपी और खान-ऐश्वर्या प्रेम कहानी का भी जन्म हुआ। इसके एक दृश्य में संगीत घरानों की कन्या को वरने आए अजय से गाने को कहा जाता है और वह बमुश्किल दो पंक्तियां ही गा पाते हैं। मुखिया संगीतकार कहता है कि तुम्हारे पास सुर नहीं हैं, परंतु आवाज में एक ईमानदारी है और मुझे यकीन है कि तुम मेरी बेटी को प्रसन्न रखोगे। इसी कथा के प्रारंभ में सलमान खान संगीत सीखने इटली से भारत आते हैं। इसी फिल्म में असली परिचय से अनजान सलमान और अजय मिलते हैं और दोनों के बीच का रसायन कमाल का था। इसी फिल्म में नशे में धुत होने का एक दृश्य अजय ने कमाल का किया था। सलमान खान ने भी प्रेम की तीव्रता और विरह की वेदना अत्यंत स्वाभाविक ढंग से निबाही थी। जीवन का सच परदे पर प्रस्तुति को धार प्रदान करता है।
बहरहाल सलमान खान और अजय देवगन एक दशक के बाद साथ आ रहे हैं। इस बीच दोनों ने जीवन के अच्छे-बुरे दौर देखे हैं और उनकी अभिनय क्षमता इस समय शिखर पर है। विपुल शाह की ‘लंदन ड्रीम्स’ आधारित है पीटर शेफर के विश्व प्रसिद्ध नाटक ‘अमेडियस’ पर, जिसका प्रदर्शन 2 नवंबर 1979 को हुआ और इसकी सफलता के दो वर्ष बाद फिल्मकार मिलोस फोरमेन ने इस पर पुरस्कार विजेता सफल फिल्म की रचना की। फिल्म की पटकथा नाटककार एवं फोरमेन ने लिखी थी । इस नाटक एवं फिल्म का आधार 18वीं सदी के महान संगीतकार अमेडियस मोजार्ट और उनके समकालीन कंपोजर इटली के एंटोनियो सेलेरी का जीवन रहा है। पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत की दुनिया में मोजार्ट का स्थान शिखर पर रहा है। जन्म से ही असाधारण प्रतिभा के धनी मोजार्ट ने पांच वर्ष की आयु में महान सिफंनी रच दी थी और उनके लोभी पिता ने इस नाटक के स्टेज शो पूरे यूरोप में किए, जिसके कारण इस तरह की लोभ प्रवृति को ‘मोजार्ट ड्रीम’ कहा जाता है। अनेक प्रतिभाशाली बालकों की नैसर्गिक प्रतिभा का विनाश इस लोभ ने किया है, परंतु मोजार्ट इस दोहन के बाद भी संतुष्ट नहीं हुए।
सोलह वर्षीय सेलेरी ने इटली का अपना कस्बा ईश्वर के सामने शपथ लेकर छोडा कि महान संगीतकार होने पर वह सदव्यवहार करेंगें और ताउम्र सदचरित्र रहेंगें। कडे परिश्रम और अनुशासन के कारण सदचरित्र सेलेरी सफल हुए और जब उनकी ताजपोशी होने वाली थी, जब उनके शहर और जीवन में मोजार्ट आए। सारी रात तारों की झिलमिल को दैवीय प्रकाश समझने वाले सेलेरी के सामने जब पहली बार मोजार्ट ने कार्यक्रम पेश किया, जब उन्हें हजारों सूरज की रोशनी का अहसास हुआ और इसी के साथ वह अहसासे-कमतरी से ग्रसित हो गए। प्राय: औसत प्रतिभा वाले लोग असाधारण प्रतिभा से ईर्ष्या करने लगते हैं और उसके पतन के षडयंत्र रचते हैं। उनकी कमतरी उनकी अंतिडयों में बस जाती है और उनकी सांसों में घृणा समा जाती है।
ईश्वर प्रदत्त प्रतिभा सरल, स्वाभाविक होती है और उस बचपन की मासूमियत हमेशा कायम रहती है। औसत कमतर लोग बहुत आसानी से अपने इर्द-गिर्द अपने जैसों की भीड जमा कर लेते हैं और चाटूकारों की इस भीड को अपनी ढाल और शक्ति बना लेते हैं। इस तरह का टिडडी दल प्रतिभा के खेत को चट कर जाता है। इस तरह के औसत लोग जिन्हें प्रतिभा का भ्रम है, बहुत खतरनाक और हिंसक होते हैं। हिंसा कमजोरी और ईर्ष्या की कोख से जन्म लेती है। सचमुच का शक्तिशाली व्यक्ति कभी हिंसक नहीं होता। जीवन के हर क्षेत्र में ऐसे औसत कमतर टुच्चे लोग घटियापन को स्थापित करने के जुगाड में लगे रहते हैं और चांद पर थूकने की हरकत करते हैं। आश्चर्य यह है कि सारे बडे ओहदे इन लोगों ने हथिया लिए हैं और हम मीडियोक्रिटी की बहुलता के सबसे घातक दौर से गुजर रहे हैं। बहरहाल विपुल शाह ने व्यावसायिक सिनेमा के सारे लटकों-झटकों के साथ मनोरंजन फिल्म गढी है, जिसमें सलमान खान अमेडियस है और अजय देवगन ने सेलेरी को अपने निराले ढंग से प्रस्तुत किया है।