ललित कुमार
ललित कुमार दिल्ली विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान में बी.एस.सी., कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी से सूचना प्रौद्योगिकी में एम.एस.सी. और ब्रिटेन की हेरियट-वॉट यूनिवर्सिटी से बायोइन्फ़ॉर्मेटिक्स में एम.एस.सी. की उपाधियाँ प्राप्त हैं। उन्होनें स्वर्ण पदक के साथ सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग का जी.एन.आई.आई.टी. प्रोग्राम भी पूरा किया है।
ललित ने कई अन्तर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स पर संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ वर्ष 2006 तक सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ के रूप में कार्य किया। वर्ष 2006 में उन्होनें संयुक्त राष्ट्र से त्यागपत्र दे दिया और स्कॉटलैंड की सरकार द्वारा प्रदान की गई पूर्ण स्कॉलरशिप पर एडिनबर्ग जाकर बायोइन्फ़ॉर्मेटिक्स का अध्ययन किया।
बायोइन्फ़ॉर्मेटिक्स में डिस्टिन्कशन सहित एम.एस.सी. पूरी कर लेने के बाद उन्होनें ब्रिटेन की मेडिकल रिसर्च काउंसिल की ह्यूमन जेनेटिक्स यूनिट के साथ जुड़कर यूरोपीय संघ के “यूरोएक्सप्रेस” नामक एक प्रोजेक्ट पर रिसर्च सपोर्ट ऑफ़िसर के रूप में कार्य के रूप में कार्य करना आरंभ किया। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य वेब-आधारित एक जीन-एक्सप्रेशन एटलस का निर्माण था। प्रोजेक्ट में ललित ने एटलस निर्माण, डेटाबेस और सूचना के बहाव को ठीक से सुनिश्चित करने वाले सॉफ़्टवेयर का निर्माण और प्रबंधन किया। इस प्रोजेक्ट के संदर्भ में उन्होनें सूचना प्रौद्योगिकी संबंधित कार्यों के लिए विश्व की कई प्रसिद्ध जेनेटिक्स प्रयोगशालाओं के बीच समन्वय का कार्य भी किया।
यूरोएक्सप्रेस प्रोजेक्ट के सफलतापूर्वक पूरा हो जाने के बाद ललित को कनाडा की लवाल यूनिवर्सिटी से पी.एच.डी. करने के लिए पूर्ण स्कॉलरशिप मिली। वह कनाडा गए लेकिन पी.एच.डी. का विषय अपनी रुचि के अनुरूप ना पाकर उन्होनें इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया और भारत लौट आए। इस बीच उन्हें ब्रिटेन की हेरियट-वॉट यूनिवर्सिटी से भी पी.एच.डी. के लिए स्कॉलरशिप का प्रस्ताव मिला।
वेब एप्लिकेशन्स, वेब समुदायों के निर्माण, हिन्दी साहित्य और गद्य-लेखन में ललित की गहरी रुचि है। आप हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में नियमित-रूप से लिखते हैं। भाषाओं और साहित्य से लगाव ने उन्हें इंटरनेट पर हिन्दी को आगे बढ़ाने हेतु कई परियोजनाओं को शुरु करने के लिए प्रोत्साहित किया। ललित TechWelkin नामक अपनी वेबसाइट पर तकनीकी लेख भी नियमितता से प्रकाशित करते हैं।
गद्य कोश की स्थापना ललित कुमार ने हिन्दी गद्य साहित्य को इंटरनेट पर एक छत के नीचे लाने हेतु की है। ललित इंटरनेट पर जारी कविता कोश नाम परियोजना के संस्थापक भी हैं। कविता कोश हिन्दी भाषा का एक सामुदायिक प्रोजेक्ट है जिसे उन्होनें वर्ष 2006 में आरम्भ किया था। बहुत से स्वयंसेवकों की सहायता से आज कविता कोश इंटरनेट पर हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं के काव्य का सबसे बड़ा कोश बन चुका है। इस परियोजना को चहूँ ओर से सराहना प्राप्त हुई है। ललित कविता कोश के तकनीकी, प्रबंधन और नीति-निर्माण के पहलुओं को संभालते हैं। इस प्रोजेक्ट को नियंत्रित करने वाले कविता कोश टीम नामक समूह के वे प्रशासक भी हैं। वर्तमान में कविता कोश पर हर महीने 150,000 लोग आते हैं और 2,000,000 से भी अधिक पन्नें पढ़ते हैं।
ललित लालित्य इंटरनेशनल सेंटर फ़ॉर आर्ट्स एंड कल्चर नामक ग़ैर-सरकारी संस्था के चेयरमैन हैं। इस संस्था का गठन भारतीय कला व संस्कृति को पूरे विश्व में और अधिक प्रसारित करने के लिए हुआ है। लालित्य इंटरनेशनल कविता कोश परियोजना का संचालन भी करती है।