लहरों के राजहंस / मोहन राकेश / पृष्ठ 2
Gadya Kosh से
चरित्रों की रेखाएँ अधिक स्पष्ट और प्रखर कर दी गई हैं तथा विडम्बना गहन हुई है।
यह रचना गद्यकोश मे अभी अधूरी है।
अगर आपके पास पूर्ण रचना है तो कृपया gadyakosh@gmail.com पर भेजें।
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