लुका–छिपी / ख़लील जिब्रान / सुकेश साहनी
Gadya Kosh से
अनुवाद-सुकेश साहनी ]
आओ, हम लुका–छिपी खेलते हैं।
यदि तुम मेरे दिल में छिप जाओगे, तो तुम्हें ढूँढना मुश्किल नहीं होगा ;किन्तु यदि तुम अपने ही मुखौटे के पीछे छुप जाओगे ,तो किसी भी तुम्हें खोजना निरर्थक होगा।
-0-