लेडी रूथ / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल
तीन लोगों ने एक बार बहुत दूर से हरी-भरी पहाड़ी पर अकेले खड़े एक सफेद मकान को देखा। उनमें से एक बोला, "वह लेडी रूथ का मकान है, जो एक चुड़ैल है।"
दूसरा बोला, "गलत। लेडी रूथ तो एक खूबसूरत महिला है जो वहाँ अपने सपनों को जीती है।"
तीसरे आदमी ने कहा, "तुम दोनों ही गलत हो। लेडी रूथ दूर तक फैली इस जमीन की मालकिन है। वह अपने गुलामों का खून खींचती है।"
लेडी रूथ के बारे में बतियाते हुए वे चलते रहे।
एक चौराहे पर उन्हें एक बू्ढ़ा मिला। उनमें से एक ने उससे पूछा, "क्या आप हमें लेडी रूथ के बारे में कुछ बताने की कृपा करेंगे जो पहाड़ के ऊपर बने उस मकान में रहती हैं?"
बूढ़े ने अपना सिर ऊपर उठाया और उन पर मुस्कराया। बोला, "इस समय मैं नब्बे साल का हूँ। मैं तब से लेडी रूथ के बारे में सुन रहा हूँ जब मैं एक लड़का ही था। लेडी रूथ को मरे अस्सी साल हो गए। घर अब खाली है। उसमें उल्लू बोलते हैं। लोग कहते हैं कि मकान में भूत रहते हैं।"