लेन-देन / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल
Gadya Kosh से
एक आदमी था। उसके पास सुइयों का अकूत भण्डार था।
एक दिन माँ मरियम उसके पास आई और बोली, "दोस्त! मेरे बेटे के कपड़े फट गए हैं। उसके चर्च जाने को तैयार होने से पहले मुझे उन्हें सी देना है। क्या तुम मुझे एक सुई नहीं दोगे?"
उसने उसे सुई नहीं दी।
लेकिन 'लेने और देने' पर उसने उसे विद्वत्तापूर्ण भाषण जरूर पिला दिया और कहा कि चर्च के लिए निकलने से पहले अपने बेटे को ये बातें जरूर बता देना।