लोग / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल
Gadya Kosh से
हममें से कुछ लोग कागज की और कुछ लोग स्याही की तरह हैं।
क्योंकि हममें से कुछ में अगर कालिमा न होती तो दूसरे कुछ लोग गूँगे हो गए होते।
और कुछ में अगर धवलता न होती तो दूसरे कुछ लोग अन्धे हो गये होते।