वंगीय ब्राह्मण सम्बन्ध / ब्रह्मर्षि वंश विस्तार / सहजानन्द सरस्वती
अब कान्यकुब्ज तथा अन्य देशों से बंगाल में गए हुए प्रसिद्ध कान्यकुब्ज और सर्यूपारी ब्राह्मणों के साथ दो-एक भूमिहार ब्राह्मणों के विवाह सम्बन्ध दिखला देते हैं:
मुर्शिदाबाद - लालगोला के राजा साहब योगेंद्रनारायण राय गाजीपुर सुर्वत पाली से गए हुए हैं और कौशिक गोत्री भूमिहार ब्राह्मण हैं। उनकी पुत्री की शादी गाजीपुर-सुहवल निवासी श्री श्यामनारायण राय के पुत्र श्री सुरेंद्र राय एम.ए. से हुई थी और राजा साहब के दामाद श्री गिरीशनारायण राय के घर भी श्री श्याम नारायण का सम्बन्ध है। उक्त राजा साहब के दामाद श्री शरदिंदु नारायण राय और श्री द्विजेंद्र नारायण राय दो भाई मुर्शिदाबाद-जमुवाँ में रहते हैं। उन्हीं शरदिंदु नारायण राय की बहन का विवाह रिपन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. रमेंद्र सुंदर द्विवेदी जी से हुआ था, जो जिझौतिया ब्राह्मण पुंडरीक गोत्र के थे। उक्त राजा साहब के राजकुमार श्री सत्येन्द्र नारायण राय और हेमेंद्र नारायण राय की लड़कियों से मुर्शिदाबाद-टेयाँ ग्रामवासी डॉ. नृसिंह प्रसाद द्विवेदी के पुत्रों की शादी हुई हैं, कान्यकुब्ज ब्राह्मण हैं। मुर्शिदाबाद-शेखअलीपुर में श्री शशिभूषण राय रहते हैं, जो सावर्ण्य गोत्रवाले भूमिहार ब्राह्मण बलिया के नरही ग्राम से गए हैं। उनकी शादी राजशाही जिले के हरग्राम के निवासी सर्यूपारी गर्ग गोत्रवाले श्री सुमेश्वर राय शुक्ल के यहाँ हुई हैं और उसी ग्राम में मालदह-सिंहाबाद के राजा साहब भैरवेंद्र नारायण राय की बहन का ब्याह श्री रामचंद्र शुक्ल के यहाँ हुआ है। राजा भैरवेंद्र नारायण राय किनवार ब्राह्मण गाजीपुर के सोनाड़ी से गए हैं। मुर्शिदाबाद-आलमशाही ग्राम निवासी सर्वेश्वर पांडे से पूर्वोक्त श्री शशिभूषण राय की बहन का विवाह हुआ है। बागडांडा निवासी श्री मानवेंद्र नारायण की बहन से जैसोर-वंदनपुर निवासी मन मोहन पांडे (मिनर्वा थिएटरवाले) का विवाह है और उनके भाई का विवाह मालदह-बुलबुल चंडी निवासी राजेंद्र बाबू की स्त्री की बहन से हुआ है। ये दोनों जमुवाँ पास खोसवासपुर निवासी श्री किष्टनाथ राय की कन्याएँ हैं। इत्यादि सहस्रों विवाह सम्बन्ध वहाँ भी प्रसिद्ध-प्रसिद्ध सर्यूपारियों, कनौजियों और जिझौतियों से हुए और होते हैं।