वर्तमान में अगाथा क्रिस्टी का महत्व / जयप्रकाश चौकसे

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वर्तमान में अगाथा क्रिस्टी का महत्व
प्रकाशन तिथि : 16 फरवरी 2022


रहस्य और रोमांच से भरपूर उपन्यासों की महारानी अगाथा क्रिस्टी की कृतियां हमेशा से अत्यंत चर्चित रही हैं और उनके लेखन को पाठकों ने पसंद किया है। गौरतलब है कि वर्तमान में उनकी रचनाओं पर फिल्में बनना जारी है। ज्ञातव्य है कि उनके जीवन काल में भी उनकी रचनाओं पर फिल्में बनी हैं। मजे की बात यह है कि अगाथा क्रिस्टी एक बार फिर से चलन में आ गई हैं। भारत के कलाकार अली फजल को प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों के साथ काम करने का अवसर मिला है। ‘डेथ ऑन द नील’ नामक रहस्य और रोमांच पर आधारित फिल्म में अली फजल ने अपनी जगह विदेशी ख्यातिलब्ध कलाकारों के बीच बनाई है। विचारणीय यह है कि वर्तमान में अगाथा क्रिस्टी की रचनाओं पर आधारित फिल्मों और उनकी कहानियों की वापसी का क्या अर्थ है? महामारी व्यापक रूप से फैली है और अभी भी उस पर पूरा नियंत्रण नहीं हो पाया है। यह संभव है कि अगाथा क्रिस्टी के पात्र और उपन्यासों के घटनाक्रम, पाठकों और दर्शकों का ध्यान महामारी के विध्वंस से दूर ले जाते हैं।

दार्शनिक बातें पाठक को बांध नहीं पातीं। इस समय पाठक अपने से दूर भागना चाहता है। आज मनुष्य का आत्मविश्वास टूट गया है। प्रतिभा और परिश्रम का स्थान चमचागीरी और तिकड़मबाजी ने ले लिया है। दरअसल अगाथा की जासूस पात्र मिस मॉर्पल उम्रदराज है और अपराधी के मनोविज्ञान को समझती है। किसी व्यक्ति की हत्या करने से किसे लाभ हो सकता है? या पहले कभी उसने उसे हानि पहुंचाई है तो उसका हिसाब बराबर हो सकता है। अगाथा क्रिस्टी के उपन्यास ‘द मिरर क्रैक्ड फ्रॉम साइड टू साइड’ में एक सितारे की प्रशंसिका संक्रामक बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद अपने प्रिय सितारे से मिलने पहुंच जाती है। परिणाम यह होता है कि सितारे को उस प्रशंसिका के संक्रामक रोग के कारण बड़ी व्यक्तिगत हानि होती है। गोया की प्रशंसकों की जवाबदारी है कि वे अपने प्रिय सितारे की सुरक्षा का ख्याल रखें। दरअसल बहादुरी का प्रदर्शन बहुत हानिकारक हो सकता है। व्यवस्था के आदेश की अवहेलना करके शादी-ब्याह और जन्मदिन की दावतों में मेहमान आमंत्रित किए जा रहे हैं। भारतीय कलाकारों को विदेशी फिल्मों में आमंत्रित किया जा रहा है यह भी सोचने वाली बात है। संभव है कि दुनिया के सभी देशों में बचे हुए भारतीयों की संख्या दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रही है क्योंकि दर्शक संख्या ही बॉक्स ऑफिस पर धन वर्षा करती है। यह भी देखा गया है कि स्वदेश में आलसी आदमी, विदेश पहुंचने पर काम करने लगते हैं। भारत में जीवन भर सैंडल पहनने वाले भारतीय को विदेश जाते ही जूते पहनने पड़ते हैं। काम से लौटकर के वे गर्म पानी में अपने पैर रखकर बैठते हैं। हर देश की जलवायु अलग होती है और उसके अनुसार मनुष्य के पहनावे और उसके खान-पान में भी परिवर्तन आता है।

हमारी पाचन क्रिया भी बदलते मौसम के अनुरूप स्वयं को ढालने लगती है। मनुष्य में बड़ा लचीलापन होता है। इतिहास कहता है कि कई बार सूखा पड़ा है। अत: मनुष्य ने लंबे समय तक भूख सहन करने की क्षमता भी विकसित कर ली है। अमर्त्य सेन ने मनुष्य द्वारा निर्मित अकाल का भी विश्लेषण किया है। बहरहाल, अगाथा क्रिस्टी और सर आर्थर कॉनन डायल की विचार प्रक्रिया और शैलियों में अंतर है परंतु दोनों समान रूप से लोकप्रिय रहे हैं। सर आर्थर कॉनन डायल के जासूस पात्र शेरलॉक होम्स अपने घर बैठे ही अपनी थ्योरी से असली अपराधी तक पहुंच जाते हैं। अगाथा क्रिस्टी अपराध स्थल का मुआयना बार-बार करती हैं और घटनास्थल पर मौजूद पात्रों के इरादे पर विचार करती है। कभी-कभी अपराधी को पकड़ने के लिए अपराधी की तरह भी सोचना पड़ता है। टेलीविजन पर विगत वर्षो में हुए बैंक घोटालों पर विशेष चर्चा हुई है। इन लूट के अपराधियों को अगाथा क्रिस्टी और डायल दोनों की तरह सोचना पड़ेगा। दरअसल, शक्तिशाली लोगों ने ये घटनाएं घटित होने दी हैं।