वार्ता:एक देर शाम / अजय नावरिया

Gadya Kosh से
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'मीडिया की भूमिका देखकर दंग रह गया था। उसे अपने जैसे समाजों की चिंता हुई थी।'

यह पंक्तियाँ दो बार टाइप हो गई थीं उन्हें निकाला गया है। -हेमंत जोशी