विज्ञापन / खलील जिब्रान / सुकेश साहनी
Gadya Kosh से
(अनुवाद :सुकेश साहनी)
एक आदमी के बाग में अनार के बहुत से पेड़ थे। फल उतरते ही वह उन्हें चांदी के थालों में सजाकर घर के बाहर रख देता था और पास ही रखे साइन बोर्ड पर उसने लिखा था, "एक सेब मुफ्त में लें। आपका स्वागत है।"
लोग गुज़रते रहते थे, पर कोई भी फलों की ओर आकर्षित नहीं होता था।
वह इस विषय में गंभीरता से सोचने लगा। अगली फसल के उतरने पर उसने एक भी अनार चांदी के थालों में घर के बाहर नहीं रखा बल्कि एक बड़ा बोर्ड बाहर लगा दिया, जिस पर लिखा था, "देश के सबसे अच्छे अनार। इसलिए हमें कीमत अद्दिक रखनी पड़ रही है।"
साइन बोर्ड पढ़ने के बाद पास-पड़ोस के सभी स्त्री पुरूष अनार खरीदने के लिए टूट पड़े।