विद्वान / खलील जिब्रान / सुकेश साहनी

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(अनुवाद :सुकेश साहनी)

प्राचीन शहर अफ्कार में दो विद्वान रहते थे, जो एक दूसरे की विचारधारा को नापसन्द करते और छोटा समझते थे। उनमें से एक ईश्वर के अस्तित्व को नकारता था जबकि दूसरा आस्तिक था।

एक दिन दोनों बाज़ार में मिले और अपने-अपने अनुयायिओं के बीच ईश्वर के अस्तित्व को लेकर आपस में बहस करते हुए झगड़ने लगे। कई घण्टों की कहा-सुनी के बाद अलग हो गए.

उस शाम नास्तिक पहली बार मन्दिर गया और ईश्वर के आगे गिरकर पिछली हठधर्मी के लिए क्षमा मांगते हुए गिड़गिड़ाने लगा। ठीक उसी समय दूसरे विद्वान ने अपनी पूज्य पुस्तकें जला डालीं। अब उसे ईश्वर के अस्तित्व पर विश्वास नहीं था।