विलाप / अमरीक सिंह दीप

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‘विलाप’ का गरीब मजदूर जो गर्मी में सिर पर ईंटें ढो-ढ़ोकर अपनी बेटी के गौने के लिए पांच सौ रुपये इकट्ठे कर मनीआर्डर करने आया है और फार्म भरने के नाम पर एक भद्रपुरुष द्वारा लूट लिया गया है।

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