विसंगति / हेमन्त शेष

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जीवन में अनेक असंगतियाँ हैं. उनमें कुछ ये भी हो सकती हें कि आग बुझाने वाले यंत्रों में आग लग जाए, मच्छर मारने वाली दवा बनाने की फैक्टरी में खूब सारे मच्छर हों, कोई डाक्टर लगातार बीमार रहता हो, फलों के बगीचे में काम करने वाले माली को फलों से एलर्जी हो, रेलगाड़ी का ड्राइवर साइकिल चलाना न जानता हो, पनवाड़ी ने कभी ज़र्दा-पान ही न खाया हो.... ये सूची मैं बहुत से पृष्ठों में लिख सकता हूँ, पर लिखूंगा नहीं. मैं तो आप लोगों का ध्यान सिर्फ इस तथ्य की तरफ आकृष्ट करवाना चाहता हूँ कि जो मजदूर और कारीगर बहुत बड़े-बड़े मकान बनाते हैं- वे उनमें कभी नहीं रहते!