वेइयो का आउटडोर म्यूज़ियम / बावरा बटोही / सुशोभित
सुशोभित
फ़िनलैंड में एक फ़ैक्टरी वर्कर चुपचाप जंगल में मूर्तियाँ बनाता रहा, किसी को कानोंकान ख़बर ना हुई!
उसका नाम था, वेइयो रोन्क्कोनेन। 41 साल तक उसने एक पेपर मिल फ़ैक्टरी में काम किया। घर से फ़ैक्टरी जाता, फ़ैक्टरी से घर लौट आता। फिर अपने फ़ार्म पर चला जाता। देर सांझ तक जंगल में चुपचाप काम करता रहता। किसी को पता नहीं था, वो वहाँ पर क्या करता था।
साल 2010 में जब वो मरा, तो मालूम हुआ कि वो अपने फ़ार्म के इर्द-गिर्द मौजूद जंगल में एक आउटडोर म्यूज़ियम बनाकर छोड़ गया है, जिसमें कंकरीट की सैकड़ों आदमक़द मूर्तियाँ।
अलबत्ता वेइयो का यह मनसूबा बहोत पुराना था। जब वो सोलह साल का था, तब उसे पहली तनख़्वाह मिली थी। उससे वो सेब के बीज और कंकरीट की बोरियाँ ख़रीद लाया था। यहीं से उसके स्कल्पचर पार्क के निर्माण की शुरुआत हुई।
यह सिलसिला आधी सदी तक चलता रहा। किसी को भनक ना लगी, ना ही उसने किसी को बताया। क्या मालूम क्या सोचकर वह चुपचाप यह काम करता रहा, मानो ईश्वर ने उसे यही करने के लिए भेजा था। काम ख़त्म करके वो मर गया, जैसे सांझ को कोई घर लौट जाता है।
रहस्यमयी आकृतियों वाली वह मानुष-वीथिका सदर्न फ़िनलैंड प्रोविन्स के परिक्कला क़स्बे में आज हज़ारों पर्यटकों को अपनी ओर आकृष्ट करती है।
स्कल्पचर पार्क की अधिकृत वेबसाइट पर कहा गया है-
वेइयो दुनिया के पास चलकर नहीं गया था, लेकिन पचास साल तक वह दुनिया के नाम चुपचाप एक लम्बी चिट्ठी लिखता रहा कि आओ, और मेरे संसार को निहारो।
