शाहरुख खान दोहरी भूमिका में / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 02 जनवरी 2014
शाहरुख खान ने फरहान अख्ख्तर के साथ दो नायक वाली फिल्म को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया है और आदित्य चोपड़ा की मनीष शर्मा निर्देशित 'फैन' प्रारंभ करने का फैसला किया है। अत: इस वर्ष उनकी फराहा निर्देशित 'हैप्पी न्यू ईयर' और दिसबंर में आदित्य चोपड़ा की फैन प्रदर्शित होगी। क्रिसमस छुट्टियों का जो लाभ विगत वर्ष 'धूम-3' को मिला, इस वर्ष वहीं लाभ 'फैन' को मिलेगा। एक और समानता यह है कि 'धूम-3' की तरह 'फैन' भी नायक की दोहरी भूमिकाएं हैं परन्तु 'धूम-3' में यह बात प्रदर्शन तक छुपाई गई थी। सुना है कि इसमें' में एक भूमिका शाहरुख पैंतालीस वर्षीय सुपर सितारे का हम शक्ल है परंतु यह जुड़वा भाईयों की कहानी नहीं है। ज्ञातव्य है कि मनीष शर्मा ने आदित्य चोपड़ा के लिए 'बैंड, बाजा, बारात' बनाई थी। प्रशंसक को लेकर पहल बार एक भव्य फिल्म बन रही है। चार दशक पूर्व इरविंग वैलेस नामक अमेरिकन लेखक ने 'फैन क्लब' नामक उपन्यास लिखा था जिसमें चार प्रशंसक मिलकर अपनी प्रिय नायिका का अपहरण कर लते हैं।
यह एक मजेदार उपन्यास था परंतु 'लुगदी साहित्य' श्रेणी की रचना थी। इसी तरह एक और कथा में एक सुपर सितारा रही नायिका को अधेड़ अवस्था में एक राष्ट्रीय सम्मान मिलता है जिसे लेने के लिए वह अपनी समान सी दिखने वाली बेटी को थोड़ा सा अधेड़ अवस्था का टच देकर भेजती है ताकि उसके प्रशंसक उसके रूपवान बने रहने को सराहे। इसी कॉलम में वर्षों पूर्व जब सुचित्रा सेन को दादा साहब फाल्के पुरस्कार देने की घोषणा हुई थी तो लिखा गया था कि वे पुरस्कार लेने नहीं आएंगी और ऐसा ही हुआ।
सुचित्रा सेन अभिनय से संन्यास लेने के बाद कभी अपने को प्रगट नहीं किया। उन्होंने अपनी निजता की रक्षा मुस्तैदी के साथ की। आज वे अस्वस्थ हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। सुचित्रा सेन अत्यंत सुंदर और प्रतिभावान रही हैं। आदित्य चोपड़ा की 'फैन' की कथा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर बाइस वर्षीय हमशक्ल फैन को पैंतालीस वर्षीय सुपर सितारा अपनी जगह कुछ दिन रहने दे जैसे एक शहंशाह किसी आम आदमी को एक दिन के लिए शहंशाह के पद पर रहने दे तो वह बौरा जाएगा।
परंतु शायद यह भूमिका का निर्वाह भी कर लें परन्तु शहंशाह एक दिन आम आदमी की तरह नहीं जी पाएगा। शायद यही कारण है कि लोग सत्ता से चिपके रहते हैं। यह अत्यंत दिलचस्प मोड़ हो सकता है। एक और बात यह भी हो सकती है कि अधेड़ सितारा युवा प्रशंसक को अपनी तरह प्रस्तुत करता रहे ताकि उसके सदैव चुस्त दुरुस्त होने का भरम कायम रखा जा सके परन्तु प्रशंसक को सितारा स्वाद मिलने के बाद ,वह अधेड़ अवस्था के सितारे को कत्ल करने का विचार भी कर सकता है। 'फैन' में अनेक संभावना है और मनीष शर्मा प्रतिभावान निर्देशक हैं। मेहबूब खान ने सन 1941 में 'रोटी' नामक फिल्म बनाई थी जिसमें एक धनवान व्यक्ति का हमशक्ल भिखारी है और घटनाक्रम कुछ ऐसा चलता है कि वह भिखारी धनवान की जगह ले लेता है। धनवान के हवाई दुर्घटना की खबर के बाद भिखारी यह चाल चलता है। हमशक्ल एक ऐसा प्लाट है जिसमें अनेक संभावना है।
इस पर 'इम्पोस्टट' नामक किताब लिखी गई है और फिल्म भी बनी है। इसी की प्रेरणा से शक्ति सामंत ने शम्मीकपूर को दोहरी भूमिका वाली 'चाइना टाउन' बनाई थी और इसी का दूसरा रूप सलीम जावेद की 'डॉन' थी। दोहरी भूमिकाओं पर सलमान खान अभिनीत हास्य फिल्म जुड़वा थी।
शाहरुख खान को आदित्य चोपड़ा ने एक बेहतरीन अवसर दिया है और चोपड़ा -शाहरुख टीम का सफलता का लंबा सिलसिला है। दरअसल प्रशंसक के अवचेतन का गंभीर अध्ययन नहीं हुआ है, वह कौन सी भीतरी कमतरी है कि एक व्यक्ति किसी सितारे का दीवाना हो जाता है, लाठियां खाता है फिर भी उसके पीछे भागता है। यही मनोविज्ञान नेता को भी लोकप्रिय बनाता है। परंतु कुछ नेता अपने प्रशंसक सुनियोजित योजना के तहत गढ़ते भी हैं।