शिवपूजन सहाय / परिचय

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 शिवपूजन सहाय की रचनाएँ     

जीवन-परिचय

शिवपूजन सहाय का जन्म भोजपुर अंचल के उनवांस गाँव (बिहार) में एक मध्यवित कृषक परिवार में हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा गाँव में हुई और १० वर्ष की उम्र में आरा के के.जे. अकेडमी में पढने लगे जहाँ से १९१३ में मेट्रिक पास करने के बाद कुछ दिन आरा में ही स्कूल में अध्यापन किया और १९२१ में असहयोग आन्दोलन में सरकारी नौकरी छोड़कर कलकत्ता चले गए। वहाँ पहले ‘मारवाड़ी सुधार’ और फिर १९२३ में ‘मतवाला’ (साप्ताहिक) का सम्पादन किया। लगभग १९१३ से ही आरा नागरी प्रचारिणी के संसर्ग में साहित्यकारों के संपर्क में आ गए तथा साहित्यिक लेखन प्रारम्भ कर दिया। कलकत्ता से १९२४ में ‘माधुरी’ (लखनऊ) के सम्पादन विभाग के सदस्य हुए। तबतक प्रेमचंद, निराला, प्रसाद आदि साहित्यकारों के संपर्क में आ चुके थे और १९२४ में लखनऊ में रहते हुए ही प्रेमचंद की ‘रंगभूमि’ का सम्पादन किया। कलकत्ता में ही १९२२ में पहला कहानी-संग्रह ‘विभूति’ (‘महिला-महत्व’ नाम से) और बाद में १९२६ में पहला उपन्यास ‘देहाती दुनिया’ प्रकाशित किया। १९२६ से १९३३ तक बनारस (काशी) में रहे जहां जयशंकर ‘प्रसाद’ की साहित्यिक-मंडली में प्रेमचंद, निराला, श्यामसुंदर दास, आ. महावीर प्रसाद द्विवेदी आदि के संपर्क में रहे। वहीं रहते हुए १९३२ में ‘जागरण’ (सा.पाक्षिक) का एवं १९३३ में ‘द्विवेदी-अभिनन्दन-ग्रन्थ’ का सम्पादन किया। काशी से अंततः १९३३ में ही लहेरियासराय (दरभंगा) के ‘पुस्तक भंडार में ‘बालक’ के सम्पादक पद पर चले गए और वहाँ रहते हुए हिंदी के तत्कालीन प्रायः सभी बड़े लेखकों की पुस्तकों का सम्पादन करते रहे। १९३९ में वहाँ से राजेन्द्र कॉलेज (छपरा) में हिंदी-प्राध्यापक पद पर चले आये। छपरा में रहते हुए भी लेखन और सम्पादन का कार्य अनवरत चलता रहा। १९५० में बिहार सरकार द्वारा संस्थापित ‘बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्’ के संचालक होकर अंततः पटना आ गए। इसी बीच १९४६ में एक साल की छुट्टी लेकर पटना में ‘हिमालय’ (सा. मासिक) का सम्पादन किया। पटना में १९५० से फिर लगातार १९६३ तक रह गए। परिषद् से १९५९ में सेवा-निवृत्त हुए और १९६० में ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित हुए तथा १९६२ में भागलपुर विश्वविद्यालय ने उनको डी.लिट्. की उपाधि प्रदान की। श्री सहाय का २१ जनवरी, १९६३ को पटना में देहांत हुआ। उनका सम्पूर्ण कृतित्व १० खण्डों में डा. मंगलमूर्ति द्वारा सम्पादित ‘शिवपूजन सहाय साहित्य-समग्र’ के रूप में २०११ में प्रकाशित हुआ है। इससे पूर्व उनके जीवन-काल में ४ खण्डों में उनकी ‘शिवपूजन रचनावली’ (१९५३-’५९) भी प्रकाशित हो चुकी थी।

प्रमुख कृतियाँ

देहाती दुनिया (उपन्यास,१९२६), विभूति (कहानी-संग्रह,१९२६), मेरा जीवन (आत्मकथा. १९८५), स्मृति-शेष (संस्मरण,१९९४), हिंदी भाषा और साहित्य (निबंध,१९९४), जीवन-दर्पण (डायरी, १९९८) शिवपूजन सहाय साहित्य-समग्र (१० खंड, २०११)

संपादित प्रमुख साहित्यिक पत्रिकाएं

मतवाला(१९२३-’२४), माधुरी(१९२४), बालक (१९३०-३७), गंगा (१९३१), जागरण(१९३२), हिमालय (१९४६), साहित्य (१९५०-’६२)।

संपादित प्रमुख साहित्यिक ग्रन्थ

रंगभूमि(१९२४), द्विवेदी अभिनन्दन ग्रन्थ (१९३३), जयंती स्मारक ग्रन्थ (१९४२), आत्मकथा (डा. राजेन्द्र प्रसाद (१९४७), राजेंद्र अभिनन्दन ग्रन्थ (१९५०), हिंदी साहित्य और बिहार (१९६०, १९६३)।