शुक्ल का पत्र पं. किशोरीप्रसाद वाजपेयी के नाम

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दुर्गाकुंड

बनारस सिटी

17.2.36

प्रिय वाजपेयी जी,

नमस्कार।

आपका एक पत्र इधर आया था। मैं इधर महीनों से ज्वर और श्वास का रोग लिए पड़ा हूँ। उत्तर भी इसी से ठीक समय पर न दे सका। क्षमा कीजिएगा।

यदि मैं स्वस्थ होता तो आपकी पुस्तक के लिए 'परिचय' के रूप में अवश्य कुछ लिखता। पर इस समय तो मुझसे कोई काम नहीं हो सकता। एक पत्र लिखना भी मेरे लिए कठिन हो रहा है। आशा है मेरी दशा का विचार करके आप क्षमा करेंगे।

दोहों की हस्तलिखित प्रति यदि आवश्यक हो तो शीघ्र भेज दूँ, नहीं तो स्वस्थ हो जाने पर भेज दूँगा।

भवदीय,

रामचन्द्र शुक्ल

श्रीयुत पंडित किशोरीप्रसादजी वाजपेयी शास्त्री

ऋषिकुल

हरिद्वार